मनीषा शर्मा। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा का 13वां दीक्षांत समारोह शनिवार को आयोजित हुआ। राज्यपाल कलराज मिश्र ने समारोह में पीएचडी, एमटेक, एम.आर्क, बीटेक, बी.आर्क, एमबीए और एमसीए उपाधियों का वितरण किया। उन्होंने अपने संबोधन में तकनीकी शिक्षा में मानवीय मूल्यों के समावेश और युवाओं की राष्ट्र के सर्वागीण विकास में भूमिका को प्रमुखता से उठाया।
समारोह में नयांशी जैन को 2022 का कुलाधिपति स्वर्ण पदक और नेहा सुराणा को 2023 का कुलाधिपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। दिव्यांशी यादव को 2022 का कुलपति स्वर्ण पदक और गजल लता को 2023 का कुलपति स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ। कुल 44 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की ओर से कुल 18,257 उपाधियां प्रदान की गईं।
राज्यपाल ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा को ‘विकसित भारत 2047’ की संकल्पना का प्रमुख आधार बताते हुए, विश्वविद्यालयों को इस तरह से तैयार करने की आवश्यकता जताई कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उपयोग से भारत फिर से विश्वगुरू बन सके। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत को आत्मनिर्भर बनाना है और युवाओं को तर्कसंगत विचार करने और उच्च मानवीय मूल्यों को धारण करने की क्षमता होनी चाहिए।
कार्यक्रम में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने भी अपने विचार साझा किए और कहा कि भविष्य में तकनीकी कौशल वाले युवा अग्रणी भूमिका में होंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एस.के. सिंह ने विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। समारोह के अंत में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया।