शोभना शर्मा। राजस्थान के भिवाड़ी में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां पुलिसकर्मी ही अपनी एसपी जैष्ठा मैत्रीय की लोकेशन ट्रेस कर रहे थे। अपराधियों की निगरानी में शामिल होने वाले ये पुलिसकर्मी इस बार खुद अपने वरिष्ठ अधिकारी की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे। यह मामला इतना गंभीर था कि खुद एसपी जैष्ठा मैत्रीय को इसकी भनक लगते ही उन्होंने इस पर कार्रवाई करते हुए सब इंस्पेक्टर (SI) समेत 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया।
यह घटना राजस्थान पुलिस महकमे में हड़कंप मचाने वाली है। पुलिस मुख्यालय ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं, और अब यह जांच की जा रही है कि आखिरकार पुलिसकर्मी एसपी की लोकेशन क्यों ट्रेस कर रहे थे और उनके पीछे क्या मंशा थी?
पुलिसकर्मी कर रहे थे एसपी की लोकेशन ट्रेस
यह घटना भिवाड़ी की साइबर सेल से जुड़ी हुई है, जहां सब इंस्पेक्टर श्रवण जोशी के साथ कुछ अन्य पुलिसकर्मी एसपी जैष्ठा मैत्रीय की फोन लोकेशन ट्रेस कर रहे थे। इस टीम में हेड कांस्टेबल अवनीश कुमार, कांस्टेबल राहुल, सतीश, दीपक, भीम, और रोहिताश शामिल थे। इन सभी को एसपी की गतिविधियों पर नजर रखने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
मामला कैसे खुला?
6 अक्टूबर को एसपी जैष्ठा मैत्रीय को गोपनीय तरीके से जानकारी मिली कि उनके ही अधीनस्थ अधिकारी उनकी लोकेशन को ट्रेस कर रहे हैं। यह जानकर वह हैरान रह गईं। उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए इन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया और इस मामले की जानकारी पुलिस मुख्यालय को दी।
एसपी जैष्ठा मैत्रीय का बयान
एसपी जैष्ठा मैत्रीय ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वह अपने काम को ईमानदारी से कर रही हैं, और उन्हें यह जानकर हैरानी हुई कि उनके ही विभाग के लोग उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। इस घटना ने उन्हें आहत और निराश किया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि मामले की जांच से जल्द ही सच्चाई सामने आएगी।
पुलिसकर्मी क्यों कर रहे थे लोकेशन ट्रेस?
इस पूरे मामले के पीछे की मंशा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस मुख्यालय ने जांच शुरू कर दी है ताकि यह पता चल सके कि ये पुलिसकर्मी एसपी की गतिविधियों पर नजर क्यों रख रहे थे। शुरुआती जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इसका उद्देश्य क्या था—क्या यह किसी व्यक्तिगत कारण से था या इसके पीछे कोई अन्य योजना थी।
कौन हैं जैष्ठा मैत्रीय?
आईपीएस जैष्ठा मैत्रीय 2017 बैच की अधिकारी हैं, जिन्हें राजस्थान कैडर मिला है। जैष्ठा का मूल निवास मध्य प्रदेश के गुना जिले में है। उन्होंने 2018 में अपनी आईपीएस ट्रेनिंग पूरी की, जिसके बाद उनकी पहली पोस्टिंग उदयपुर में एडिशनल एसपी के रूप में हुई। इसके बाद वह भीलवाड़ा, जयपुर क्राइम ब्रांच, सिरोही, कोटपूतली, और बहरोड़ में भी एसपी के रूप में कार्यरत रही हैं। वर्तमान में, जैष्ठा भिवाड़ी और नवगठित खैरथल-तिजारा जिले की एसपी हैं।
उनका करियर हमेशा ईमानदारी और सख्ती से कानून लागू करने के लिए जाना जाता है, जिससे वह राजस्थान पुलिस की सबसे प्रमुख और चर्चित आईपीएस अधिकारियों में से एक बन चुकी हैं। उनके नेतृत्व में भिवाड़ी में अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था को सख्ती से लागू किया गया है।
घटना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप
एसपी की लोकेशन ट्रेस करने का यह मामला सामने आने के बाद राजस्थान पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। इस घटना से पुलिस विभाग की छवि पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। आमतौर पर पुलिसकर्मी अपराधियों की लोकेशन और गतिविधियों पर नजर रखते हैं, लेकिन इस बार एक आईपीएस अधिकारी की निगरानी में लगे पुलिसकर्मियों की ही पोल खुल गई।
आगे की कार्रवाई
पुलिस मुख्यालय ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही इसके पीछे की सच्चाई का पता लगाया जाएगा। अभी तक निलंबित पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है। इस घटना ने पुलिस विभाग के भीतर अनुशासनहीनता और सुरक्षा तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं।