अजमेर। कांग्रेस में राहुल गांधी भले ही भारत जोड़ों यात्रा के ज़रिए देश को जोड़ने की बात करते हो लेकिन अजमेर राजस्थान ( Ajmer Rajasthan ) में तो उनकी पार्टी ही नहीं जुड़ रही है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और यहां कांग्रेस ( Congress ) आपस में ऐसी लड़ती हुई नज़र आ रही है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट समर्थक नेताओं के ख़िलाफ़ राज्यकार्य में बाधा और डकेती के मुक़दमे दर्ज हो रहे है। अजमेर के सिविल लाइन पुलिस थाने में 9 आपराधिक धाराओं में कांग्रेस की पूर्व मंत्री और पीसीसी उपाध्यक्ष नसीम अख़्तर व उनके पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
इसी मुक़दमे के बाद अब कांग्रेस नेता और अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने शनिवार को प्रेसवार्ता कर पूर्व मंत्री नसीम अख़्तर पर आरोप लगाया है कि पीसीसी उपाध्यक्ष और पूर्व शिक्षा मंत्री नसीम अख्तर और उनके पति इंसाफ अली के पास 2000 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति है। यह संपत्ति कहां से आई इस बात की जांच एसीबी को करनी चाहिए। चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि इंसाफ अली तो सरकारी स्कूल के तृतीय श्रेणी के शिक्षक रहे हैं। ऐसे में इतनी संपत्ति का होना गंभीर बात है।
चौधरी ने कहा कि इंसाफ दंपती अब एक राजनीतिक घटना को लेकर साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। प्रदेश के कई स्थानों पर मुस्लिम संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए गए हैं। उन्होंने कहा कि गहलोत जब अपनी कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में कांग्रेस सरकार रिपीट करवाने के लिए मेहनत कर रहे हैं, तब नसीम अख्तर और उनके पति इंसाफ अली कांग्रेस के खिलाफ ही माहौल उत्पन्न कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल कांग्रेस की पूर्व मंत्री और पीसीसी उपाध्यक्ष नसीम अख़्तर ने 13 जून को कांग्रेस और सरकार के एक कार्यक्रम में पहुंचकर महंगाई राहत शिविर में अधिकारियों की अनुपस्थिति पर एतराज जताया था। जिसके बाद नसीम के खिलाफ अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति के बीडीओ विजय सिंह चौहान ने पुलिस को शिकायत दी थी। पुलिस ने इस राजनीतिक घटना को गुंडा गर्दी माना और मुकदमा दर्ज कर लिया। नसीम के खिलाफ दंगे के प्रयास की धारा 147, 143, 149, सरकारी अधिकारियों को धमकाने की धारा 186 और 189, सरकारी कार्य में बाधा डालने व रुकवाने की धारा 542, 332, 353 और गाली गलौज करने की धारा 506 में मुकदमा दर्ज किया। इतना ही नहीं इस मुकदमे में नसीम के पति और कांग्रेस नेता इंसाफ अली, उनके पुत्र अरशद को भी नामजद किया गया।