latest-newsजयपुरदेशराजनीतिराजस्थान

मुख्यमंत्री को धमकी मिल रही तो आम आदमी कैसे सुरक्षित रहेगा?: गहलोत

मुख्यमंत्री को धमकी मिल रही तो आम आदमी कैसे सुरक्षित रहेगा?: गहलोत

शोभना शर्मा। राजस्थान में बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि प्रदेश में अराजकता की स्थिति बन चुकी है और जनता डर के साये में जी रही है।

गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को तीसरी बार मिली जान से मारने की धमकी और कांग्रेस नेता संदीप चौधरी के घर पर हुई लूट की घटना को आधार बनाकर सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जब राज्य के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों को ही सुरक्षा नहीं है, तो आम आदमी की सुरक्षा की क्या गारंटी है?

गहलोत ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “राजस्थान में अपराध से अब अराजकता जैसी स्थिति बनती जा रही है। कांग्रेस नेता संदीप चौधरी के घर दिनदहाड़े लूट की गई और उनकी मां व पत्नी को जहर का इंजेक्शन लगाकर मारने का प्रयास किया गया। इससे स्पष्ट है कि राज्य में कानून का इकबाल लगभग खत्म हो चुका है।”

उन्होंने कहा कि जयपुर जैसे शहर में चोरी, लूट, फायरिंग और डकैती की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, लेकिन अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं और पुलिस उन्हें पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है। इससे न सिर्फ अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं बल्कि आमजन में गहरी चिंता और असुरक्षा का माहौल बन रहा है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और खेल परिषद के अध्यक्ष IAS नीरज के पवन को जान से मारने की धमकी मिलने की घटना को गहलोत ने बेहद गंभीर बताया। उन्होंने लिखा कि यह सिर्फ दो व्यक्तियों की नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए चिंता का विषय है। जब मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी ही सुरक्षित नहीं हैं, तब आम आदमी किस भरोसे जिएगा?

गहलोत ने सरकार पर आंकड़ों की बाजीगरी का आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार का ध्यान केवल अपराध के आंकड़े कम दिखाने पर है, ना कि अपराध नियंत्रण पर। उन्होंने लिखा, “पिछले डेढ़ साल से हत्या, लूट, रेप, चोरी समेत गंभीर अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। लेकिन सरकार सिर्फ फाइलों में आंकड़े सुधारने में लगी है, जिससे जमीनी हकीकत छिपाई जा सके।”

गहलोत ने सवाल उठाया कि जब मुख्यमंत्री स्वयं गृह मंत्रालय संभाल रहे हैं, तब इस प्रकार की अव्यवस्था कैसे फैल रही है? उन्होंने कहा कि जनता पूछ रही है कि उन्हें इस डर और अराजकता के माहौल से कब राहत मिलेगी।

पूर्व मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब प्रदेश में एक के बाद एक धमकी भरे ईमेल्स, लूटपाट और हिंसक घटनाएं सामने आ रही हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी को धमकी देने के साथ-साथ एसएमएस स्टेडियम और मेट्रो को बम से उड़ाने की धमकियां भी मिली हैं।

राज्य की मौजूदा कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर दबाव बना रहा है। गहलोत के इस बयान से एक बार फिर यह मुद्दा सियासी बहस के केंद्र में आ गया है। अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर क्या कदम उठाती है।

जनता की चिंता जायज है—जब मुख्यमंत्री तक को सुरक्षा खतरा हो, तो आम नागरिक अपने को कैसे महफूज माने? राजस्थान में कानून व्यवस्था अब केवल राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि जनता की प्राथमिक चिंता बन चुकी है।

 

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading