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हुंडई कार विवाद में शाहरुख-दीपिका सहित 8 लोगों पर धोखाधड़ी का केस

हुंडई कार विवाद में शाहरुख-दीपिका सहित 8 लोगों पर धोखाधड़ी का केस

शोभना शर्मा।  भरतपुर से उपभोक्ताओं के भरोसे को हिला देने वाली खबर सामने आई है। बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण समेत हुंडई कंपनी के छह अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। यह मामला एक उपभोक्ता की शिकायत पर सामने आया, जिसने दावा किया कि उसे ‘मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट’ वाली कार बेची गई। यह पहली बार है जब किसी उपभोक्ता ने कार की तकनीकी खराबियों के लिए न केवल कंपनी, बल्कि ब्रांड एंबेसडर तक को जिम्मेदार ठहराते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

शिकायतकर्ता की आपबीती

भरतपुर निवासी कीर्ति सिंह ने कुछ समय पहले हुंडई कंपनी की एक कार खरीदी। लेकिन कार लेने के पहले ही दिन से उसमें तकनीकी खामियां नजर आने लगीं। बार-बार शिकायत करने के बावजूद कंपनी ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। लगातार परेशानियों से तंग आकर कीर्ति सिंह ने कानूनी लड़ाई का फैसला किया। उन्होंने सीधे पुलिस थाने में शिकायत करने के बजाय भरतपुर की सीजेएम कोर्ट संख्या दो में एक इस्तगासा (निजी शिकायत) दायर किया। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मथुरा गेट थाना पुलिस को FIR दर्ज करने का आदेश दिया।

कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई FIR

पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद हुंडई कंपनी, उसके अधिकारियों और ब्रांड एंबेसडर शाहरुख खान व दीपिका पादुकोण सहित कुल आठ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया। भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) सहित अन्य धाराएं भी इस केस में लगाई गई हैं। इस कार्रवाई ने ऑटोमोबाइल सेक्टर और उपभोक्ता अधिकारों की बहस को एक नई दिशा दे दी है।

ब्रांड एंबेसडर क्यों फंसे इस केस में?

सवाल उठता है कि जब कार कंपनी ने बेची, तो ब्रांड एंबेसडर शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण का नाम FIR में क्यों जोड़ा गया? दरअसल, कानून के अनुसार ब्रांड एंबेसडर सिर्फ प्रचारक चेहरा भर नहीं होते। अगर कोई सेलिब्रिटी किसी उत्पाद का प्रचार करता है और उस उत्पाद में खराबी या धोखाधड़ी साबित होती है, तो उनकी भी जिम्मेदारी तय की जा सकती है। कीर्ति सिंह का कहना है कि उन्होंने हुंडई कार शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण के विज्ञापनों को देखकर खरीदी थी। ऐसे में उपभोक्ता का यह भरोसा टूटना सीधे ब्रांड एंबेसडरों की जवाबदेही को भी दर्शाता है।

उपभोक्ता अधिकार और कानूनी पहलू

यह मामला केवल एक कार की खराबी तक सीमित नहीं है, बल्कि उपभोक्ता अधिकारों की मजबूती का भी संकेत है। भारत में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत यदि कोई कंपनी या उसका प्रचारक गलत दावे करता है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई संभव है। हाल ही में कई मामलों में देखा गया है कि विज्ञापनों में किए गए वादों और वास्तविकता में फर्क होने पर सेलिब्रिटीज को भी जिम्मेदार ठहराया गया। यही कारण है कि इस केस में शाहरुख और दीपिका का नाम भी FIR में शामिल हुआ।

भरतपुर पुलिस की जांच शुरू

भरतपुर की मथुरा गेट थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज कर लिया है और अब मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जांच में यह देखा जाएगा कि कार में किस तरह की खामियां थीं, उपभोक्ता की शिकायतों पर कंपनी ने क्या कदम उठाए और ब्रांड एंबेसडर किस हद तक जिम्मेदार ठहराए जा सकते हैं। अगर जांच में आरोप साबित होते हैं, तो यह केस न केवल हुंडई कंपनी के लिए बड़ा झटका होगा, बल्कि ब्रांड एंबेसडरों के लिए भी कानूनी परेशानी खड़ी कर सकता है।

उपभोक्ताओं के लिए सबक

यह मामला उन उपभोक्ताओं के लिए भी सबक है, जो किसी बड़े ब्रांड या सेलिब्रिटी के विज्ञापनों पर आंख मूंदकर भरोसा कर लेते हैं। उपभोक्ता अधिकार विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी प्रोडक्ट को खरीदने से पहले उसके तकनीकी पहलुओं, वारंटी और शिकायत निवारण प्रक्रिया को समझना जरूरी है। कंपनियों के साथ-साथ विज्ञापन करने वाले ब्रांड एंबेसडरों की जिम्मेदारी भी तय होना उपभोक्ता संरक्षण के लिए सकारात्मक कदम माना जा सकता है।

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