शोभना शर्मा। NEET UG 2025 परीक्षा पास करने के बाद मेडिकल कोर्सेज—खासकर MBBS और BDS—में एडमिशन की प्रक्रिया सीधे काउंसलिंग से जुड़ी होती है। लाखों छात्र इस परीक्षा में भाग लेते हैं, लेकिन मेडिकल कॉलेज में सीट पाना न केवल परीक्षा पास करने पर बल्कि प्राप्त अंकों और काउंसलिंग प्रक्रिया पर भी निर्भर करता है। आइए जानते हैं कि काउंसलिंग के बाद स्टूडेंट्स को MBBS या BDS कोर्स में कैसे दाखिला मिलता है।
काउंसलिंग प्रक्रिया क्या है?
NEET UG के रिजल्ट के बाद, मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) और राज्य सरकारों द्वारा काउंसलिंग आयोजित की जाती है। यह प्रक्रिया उम्मीदवार की मेरिट, चॉइस और आरक्षण श्रेणियों के आधार पर होती है। इसमें छात्र को सबसे पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है, इसके बाद चॉइस फिलिंग, सीट अलॉटमेंट और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के चरण आते हैं।
काउंसलिंग के मुख्य चरण इस प्रकार हैं:
पंजीकरण (Registration):
उम्मीदवारों को MCC या राज्य की अधिकृत वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होता है। इसमें उम्मीदवार की पर्सनल जानकारी और NEET रोल नंबर शामिल होता है।चॉइस फिलिंग (Choice Filling):
छात्र अपने पसंद के कॉलेज और कोर्स का चयन करते हैं। यही विकल्प बाद में सीट अलॉटमेंट में आधार बनते हैं।सीट अलॉटमेंट (Seat Allotment):
सिस्टम मेरिट लिस्ट, चॉइस और आरक्षण को देखते हुए उम्मीदवार को सीट अलॉट करता है।डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन:
अलॉटमेंट के बाद उम्मीदवार को संबंधित कॉलेज जाकर अपने डॉक्यूमेंट्स की जांच करानी होती है।कॉलेज रिपोर्टिंग और एडमिशन:
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद छात्र कॉलेज में रिपोर्ट करता है और एडमिशन लेता है।
सीट मिलने के लिए कितने मार्क्स जरूरी होते हैं?
NEET UG में पास होने के लिए न्यूनतम क्वालिफाइंग मार्क्स हर वर्ष NTA तय करता है। सामान्य और आरक्षित वर्ग के लिए यह कटऑफ अलग होती है। 2025 में संभावित क्वालिफाइंग स्कोर निम्नानुसार हो सकता है:
जनरल श्रेणी: 138/720 से ऊपर
OBC/SC/ST: 108–137/720 के बीच
लेकिन सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए सिर्फ क्वालिफाई करना पर्याप्त नहीं है। कॉलेज अलॉटमेंट मेरिट के आधार पर होता है। पिछले वर्षों के रुझानों के अनुसार:
जनरल श्रेणी: MBBS के लिए 620 से अधिक अंक
OBC: 575 से अधिक अंक
SC/ST: 480 से अधिक अंक आवश्यक हो सकते हैं
इन आंकड़ों में हर साल थोड़ा बदलाव होता है, जो सीटों की उपलब्धता, कटऑफ और प्रतियोगिता के स्तर पर निर्भर करता है।
कौन कराता है काउंसलिंग?
MCC (Medical Counselling Committee):
यह ऑल इंडिया कोटा (15%) और सेंट्रल यूनिवर्सिटी, AIIMS, JIPMER जैसी संस्थाओं की काउंसलिंग कराती है।राज्य सरकारें:
राज्य की 85% सीटों के लिए संबंधित राज्य की मेडिकल एडमिशन अथॉरिटी काउंसलिंग कराती है।


