मनीषा शर्मा । ओम प्रकाश माथुर को 36 साल की सक्रिय राजनीति के बाद सिक्किम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है, जिससे उनकी सक्रिय राजनीति का सम्मानजनक अंत हुआ है। संघ पृष्ठभूमि से जुड़े माथुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी नेताओं में से एक हैं। जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब माथुर को गुजरात का प्रभारी बनाया गया था। इस नियुक्ति को उनकी राजनीति से विदाई का सम्मानजनक तरीका माना जा रहा है।
माथुर का अंतिम सक्रिय राजनीतिक असाइनमेंट छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में बीजेपी के प्रभारी के रूप में था, जहां पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की। इसके बाद लोकसभा चुनावों में भी छत्तीसगढ़ के प्रभारी के रूप में उन्होंने भूमिका निभाई, हालांकि वह उतने सक्रिय नहीं रहे। बावजूद इसके, बीजेपी ने राज्य की 11 लोकसभा सीटों में से 10 पर जीत दर्ज की थी।
ओम प्रकाश माथुर का जन्म 17 अगस्त 1952 को पाली जिले के फालना कस्बे में हुआ था। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री ली और छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। 1988 में बीजेपी का सदस्य बनने के बाद वह पार्टी में राष्ट्रीय सचिव, राष्ट्रीय महामंत्री और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे। माथुर दो बार राजस्थान से राज्यसभा सदस्य भी रहे, जिनका अंतिम कार्यकाल 2016 से 2022 तक रहा।
उनकी नियुक्ति के पीछे के सियासी मायनों में यह भी शामिल है कि बढ़ती उम्र के कारण पार्टी उन्हें ज्यादा सक्रिय जिम्मेदारियां नहीं सौंप सकती थी। पार्टी अब प्रदेश में सेकेंड लाइन लीडरशिप को प्रमोट करना चाहती है, इसलिए माथुर को राज्यपाल के रूप में एक सम्मानजनक विदाई दी गई है।
गुलाबचंद कटारिया को पंजाब का राज्यपाल और हरिभाऊ किसानराव बागड़े को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। कटारिया ने 11 चुनावों में से 9 में जीत हासिल की है और राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री भी रहे हैं। हरिभाऊ बागड़े महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं और उनका नाम राज्यपाल पद के लिए प्रस्तावित किया गया है।