मनीषा शर्मा। राजस्थान में आयोजित SI भर्ती परीक्षा-2021 लंबे समय से विवादों में रही है। इस भर्ती के तहत हजारों उम्मीदवारों ने पुलिस विभाग में शामिल होने का सपना लेकर परीक्षा दी थी। लेकिन प्रक्रिया के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और पेपर लीक के आरोप सामने आए। इसके चलते राजस्थान हाईकोर्ट की एकलपीठ ने भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने का आदेश दिया।
इस आदेश से उन उम्मीदवारों में निराशा फैल गई, जिन्होंने मेहनत और ईमानदारी से परीक्षा पास की थी। उनका कहना था कि कुछ लोगों की गलतियों की वजह से पूरी भर्ती को रद्द करना अनुचित है। इसी आधार पर चयनित अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील दायर की।
एकलपीठ का आदेश क्यों आया था?
एकलपीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि भर्ती परीक्षा में निष्पक्षता और पारदर्शिता का अभाव था। कोर्ट ने कहा कि पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों के कारण यह भर्ती प्रक्रिया कानूनन सही नहीं है। न्यायालय का मानना था कि इतनी बड़ी परीक्षा में हुई धांधली पर आंखें मूंदना न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ होगा।
इसके बाद कोर्ट ने पूरी भर्ती को रद्द करने का निर्देश दिया। इस फैसले से उन हजारों उम्मीदवारों पर असर पड़ा, जो चयन सूची में शामिल थे और नियुक्ति का इंतजार कर रहे थे।
चयनित अभ्यर्थियों का तर्क
चयनित सब इंस्पेक्टरों ने डिवीजन बेंच में अपील करते हुए कहा कि पूरी भर्ती को रद्द करना न केवल अनुचित है बल्कि यह उनके भविष्य के साथ अन्याय भी है। उनका कहना था कि:
सरकार भी भर्ती को रद्द करने के पक्ष में नहीं थी।
विशेष कार्य बल (SOG) पहले ही आरोपियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई शुरू कर चुका है।
भर्ती में सही और गलत उम्मीदवारों की पहचान की जा सकती है।
कुछ लोगों की गलती की सजा मेहनती और ईमानदार उम्मीदवारों को नहीं दी जानी चाहिए।
भर्ती रद्द होने से हजारों परिवार प्रभावित होंगे, जिनके बच्चों ने कड़ी मेहनत कर परीक्षा पास की है।
इन तर्कों को रखते हुए अभ्यर्थियों ने एकलपीठ का आदेश रद्द करने और भर्ती प्रक्रिया को जारी रखने की मांग की।
डिवीजन बेंच का फैसला
सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच, जिसमें जस्टिस एस.पी. शर्मा शामिल थे, ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने एकलपीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी।
इसका अर्थ यह है कि अगली सुनवाई तक भर्ती रद्द करने का आदेश लागू नहीं होगा। यानी फिलहाल भर्ती प्रक्रिया पर रोक नहीं है। कोर्ट ने साफ कहा कि अंतिम फैसला विस्तृत बहस के बाद लिया जाएगा।
चयनित उम्मीदवारों को मिली राहत
इस फैसले से उन सभी चयनित उम्मीदवारों को बड़ी राहत मिली है, जो बीते कई महीनों से असमंजस की स्थिति में थे। भर्ती रद्द होने के आदेश के बाद उनकी मेहनत और भविष्य पर सवाल खड़े हो गए थे। अब उन्हें उम्मीद है कि अदालत उनके हक में अंतिम फैसला सुनाएगी।
कई अभ्यर्थियों ने कोर्ट के इस निर्णय को न्याय की दिशा में अहम कदम बताया है। उनका कहना है कि अदालत ने उनकी दलीलों को गंभीरता से सुना और उन्हें राहत दी।
आगे क्या होगा?
अब मामले की अगली सुनवाई में दोनों पक्षों के बीच विस्तृत बहस होगी। एक ओर जहां याचिकाकर्ता भर्ती प्रक्रिया जारी रखने की मांग करेंगे, वहीं दूसरी ओर यह भी देखा जाएगा कि पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों से जुड़े आरोप कितने गंभीर हैं और उनके प्रभाव को किस तरह से नियंत्रित किया जा सकता है।