शोभना शर्मा। राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सोमवार को सिंगल बेंच के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें 2021 की एसआई भर्ती को रद्द कर दिया गया था। इस निर्णय के बाद अब तक चयनित अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है, जिनकी नियुक्तियां और भविष्य दांव पर लगे हुए थे।
सिंगल बेंच ने रद्द की थी भर्ती
गौरतलब है कि हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के न्यायाधीश जस्टिस समीर जैन ने अगस्त 2025 में 2021 की एसआई भर्ती को रद्द करने का आदेश दिया था। अदालत ने कहा था कि कानून-व्यवस्था जैसे संवेदनशील विभाग में गलत तरीके से चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं की जा सकती। सिंगल बेंच ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि जुलाई 2025 में निकाली गई नई भर्ती में इन पदों को जोड़कर फिर से परीक्षा कराई जाए।
यह फैसला 14 अगस्त को सुरक्षित रखा गया था और बाद में सुनाया गया। इस आदेश से उन अभ्यर्थियों पर संकट के बादल मंडरा गए थे, जो चयनित होकर ट्रेनिंग कर रहे थे।
डबल बेंच का अंतरिम राहत आदेश
सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए चयनित अभ्यर्थियों ने अपील की थी। अब डबल बेंच ने इस आदेश पर रोक लगाते हुए कहा है कि अगली सुनवाई और अंतिम निर्णय तक भर्ती रद्द नहीं मानी जाएगी। इस प्रकार 2021 में चयनित उम्मीदवारों की नियुक्तियां बरकरार रहेंगी। अदालत का यह कदम अभ्यर्थियों के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।
गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम की प्रतिक्रिया
राजस्थान के गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम ने डबल बेंच के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह न्यायालय का अधिकार क्षेत्र है और सरकार अदालत के निर्णयों का पालन करने के लिए बाध्य है। उन्होंने साफ किया कि राज्य सरकार इस पूरे मामले में न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन करेगी।
भर्ती प्रक्रिया और विवाद का इतिहास
2021 की यह भर्ती राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा आयोजित की गई थी। इसमें कुल 859 पदों पर सब-इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर की नियुक्ति की जानी थी। परीक्षा 13 से 15 सितंबर 2021 तक आयोजित हुई थी।
परीक्षा के बाद इस भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और पेपर लीक की शिकायतें सामने आईं। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि भर्ती प्रक्रिया में गंभीर गड़बड़ियां हुई हैं और इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार शामिल था।
घोटाले की जांच और गिरफ्तारियां
जांच के दौरान अब तक इस भर्ती घोटाले से जुड़े 122 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें 54 चयनित अभ्यर्थी शामिल हैं, जो ट्रेनिंग पर थे। इसके अलावा, राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के दो सदस्य भी गिरफ्तार किए गए। इन खुलासों ने भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
राज्य सरकार ने इस घोटाले की जांच को गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की है। लेकिन अदालत में चल रही सुनवाई के चलते अभ्यर्थियों की नियुक्तियों पर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। अब डबल बेंच के आदेश से उन्हें अस्थायी राहत मिली है।