शोभना शर्मा । उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से भारी त्रासदी हो गई। इस हादसे में 122 लोग, जिनमें अधिकतर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे, अपनी जान गंवा बैठे। भगदड़ तब हुई जब भक्त भोले बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए उमड़ पड़े। वॉलंटियर्स ने स्थिति संभालने के लिए वाटर कैनन से पानी की बौछार की, जिससे लोग फिसल गए और भगदड़ मच गई। हादसे के बाद भोले बाबा फरार हो गया, और पुलिस अब तक उसकी लोकेशन का पता नहीं लगा पाई है।
भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है। वह पहले UP पुलिस में हेड कांस्टेबल था, लेकिन यौन शोषण के आरोप में उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। जेल से छूटने के बाद उसने अपना नाम बदलकर नारायण हरि उर्फ साकार विश्वहरि रख लिया और उपदेशक बन गया। मैनपुरी के बिछवा गांव में उसका 30 एकड़ में फैला आश्रम है, जहां हर दिन हजारों लोग सत्संग में शामिल होते हैं।
भोले बाबा का पहनावा और रहन-सहन मॉडर्न है। वह हमेशा सफेद थ्री पीस सूट और रंगीन चश्मा पहनता है। उसका कहना है कि नौकरी छोड़ने के बाद भगवान से साक्षात्कार हुआ और उसने अपना जीवन मानव कल्याण में समर्पित कर दिया। उसके समागम में IAS-IPS अफसर और राजनेता भी शामिल होते हैं।
हादसे के बाद से पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसे मैनपुरी के राम कुटीर आश्रम में रखा गया है, जबकि अन्य रिपोर्ट्स के अनुसार वह फरार हो गया है और पुलिस को उसकी लोकेशन नहीं मिल रही है। इस घटना के बाद, उसका अगला कार्यक्रम आगरा में होने वाला था, लेकिन इस हादसे के बाद उसके सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।
इस हादसे ने देश भर में भारी सनसनी फैला दी है और पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। पुलिस प्रशासन को अब इस मामले में कड़ी कार्यवाही करनी होगी और जिम्मेदार लोगों को कानून के कटघरे में लाना होगा।