मनीषा शर्मा। खींवसर उपचुनाव 2024 के मद्देनजर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने बड़ा बयान दिया है। बेनीवाल ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि RLP खींवसर उपचुनाव हार जाती है, तो इसका मतलब होगा कि राजस्थान से RLP का नाम और निशान मिट जाएगा। यह बयान तब आया है जब कांग्रेस ने खींवसर सीट से रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी सवाई सिंह चौधरी की पत्नी डॉ. रतन चौधरी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
बेनीवाल का बयान: “हार गए तो RLP मिट जाएगी”
हनुमान बेनीवाल ने अपनी पार्टी की बैठक के दौरान कहा कि अगर खींवसर उपचुनाव में RLP जीतती है, तो यह जनता और पार्टी की जीत मानी जाएगी। लेकिन अगर पार्टी हारती है, तो लिखा जाएगा कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) राजस्थान की राजनीति से समाप्त हो गई। उन्होंने इस चुनाव को पार्टी की प्रतिष्ठा से जोड़ा है और इसे ‘करो या मरो’ की स्थिति के रूप में देखा है। बेनीवाल ने यह बयान नागौर स्थित अपने आवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान दिया।
कांग्रेस की प्रत्याशी घोषणा पर प्रतिक्रिया
बेनीवाल ने कांग्रेस की उम्मीदवार घोषणा का इंतजार किया था। कांग्रेस ने बीते बुधवार रात को डॉ. रतन चौधरी को खींवसर सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया। अब बेनीवाल ने कहा है कि वह जल्द ही RLP के प्रत्याशी का नाम घोषित करेंगे और गुरुवार को अंतिम फैसला लिया जाएगा। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि नामांकन दाखिल करने के बचे हुए दिनों में RLP अपने उम्मीदवार की घोषणा करेगी।
भाजपा और कांग्रेस पर तीखे हमले
हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस और भाजपा दोनों पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है, और अगर सरकार RLP को तंग करेगी, तो वे सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं। उन्होंने राजस्थान सरकार को धमकी देते हुए कहा कि अगर उनकी पार्टी या उनके समर्थकों को तंग किया गया, तो वे पूरे राजस्थान को जाम कर देंगे।
बेनीवाल ने यह भी कहा कि अगर वे इस चुनाव में सफल होते हैं, तो कलेक्टर-एसपी और थानेदार की कुर्सियों पर उनके समर्थक ही बैठेंगे। इससे उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि उनका लक्ष्य न केवल चुनाव जीतना है, बल्कि सत्ता के केंद्र में भी अपनी पार्टी की पकड़ मजबूत करना है।
RLP के लिए अस्तित्व की लड़ाई
बेनीवाल ने इस चुनाव को RLP के भविष्य के लिए निर्णायक बताया। उन्होंने अपने समर्थकों को उत्साहित करते हुए कहा कि यदि RLP खींवसर चुनाव जीतती है, तो यह RLP की नई शुरुआत होगी। लेकिन यदि पार्टी हार गई, तो यह माना जाएगा कि RLP का विधानसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं रहेगा और यह पार्टी राजस्थान से मिट जाएगी। बेनीवाल के इस बयान से यह स्पष्ट है कि वे इस चुनाव को अपनी पार्टी के लिए ‘अस्तित्व की लड़ाई’ के रूप में देख रहे हैं।
धोखा देने के आरोप पर बेनीवाल का बयान
बैठक के दौरान बेनीवाल ने एक अनाम व्यक्ति पर भी धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति ने उन्हें धोखा देकर सांसद बनने का दावा किया था। बेनीवाल ने कहा कि उन्होंने उस व्यक्ति से पूछा कि वह उनके साथ धोखा क्यों कर रहा है, तो व्यक्ति ने कहा कि अगर उसने धोखा नहीं किया होता, तो वह सांसद नहीं बन पाता। इस घटना का जिक्र करते हुए बेनीवाल ने कहा कि ऐसे लोगों के साथ काम करने से पार्टी की छवि पर बुरा असर पड़ता है।
कांग्रेस से गठबंधन पर स्थिति साफ
बेनीवाल ने कहा कि वे कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने के इच्छुक नहीं हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे इसलिए देरी कर रहे हैं ताकि कांग्रेस से बिना वजह गठबंधन न तोड़ा जाए। उनका मानना है कि कांग्रेस से गठबंधन तोड़ना एक गलत संदेश दे सकता है, क्योंकि इससे यह धारणा बनेगी कि हनुमान बेनीवाल हमेशा अपने सहयोगियों से दूरी बना लेते हैं।
बेनीवाल ने यह भी कहा कि वे चाहते थे कि कांग्रेस उनके योगदान को सराहे, खासकर हरियाणा में, जहां उन्होंने प्रचार में मदद की थी। लेकिन उन्हें वहां आमंत्रित नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें मौका दिया गया होता, तो वे कांग्रेस के लिए 10-15 सीटें जीत सकते थे।
नागौर एसपी पर निशाना
बैठक के दौरान हनुमान बेनीवाल ने नागौर एसपी नारायण टोगस पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि नागौर एसपी सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रहे हैं। बेनीवाल ने कहा कि वे एसपी की पूरी पृष्ठभूमि जानते हैं और अगर वे चाहते तो एक सीटी बजाकर पूरे नागौर का प्रशासन ठप कर सकते थे। लेकिन उन्होंने संघर्ष की रणनीति अपनाने का निर्णय लिया है, जिससे वे न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं।