मनीषा शर्मा। राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर तेज बयानबाज़ी ने माहौल को गरमा दिया है। नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संस्थापक हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को बाड़मेर जिले के धोरीमना में आयोजित एक विशाल जनसभा में राज्य सरकार और मंत्रियों पर जमकर निशाना साधा। तेजा दशमी के मौके पर भीमथल गांव में आयोजित तेजाजी मंदिर मेले की इस सभा में बेनीवाल के तेवर तल्ख और चुनौतीपूर्ण नजर आए।
मंत्री केके बिश्नोई को सीधी चुनौती
सभा को संबोधित करते हुए बेनीवाल ने वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री केके बिश्नोई पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मंत्री की “फड़फड़ाहट खत्म कर दूंगा” और यह भी ऐलान कर दिया कि बिश्नोई अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे। इस बयान ने वहां मौजूद लोगों में हलचल मचा दी और राजस्थान की राजनीति में नए सियासी समीकरणों की चर्चा शुरू हो गई।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर निशाना
केवल मंत्री ही नहीं, बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भी अपने भाषण में घेरा। उन्होंने कहा कि तेजा दशमी के दिन मैं घोषणा करता हूं कि भजनलाल शर्मा की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। इस बयान से साफ झलकता है कि बेनीवाल राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार से किसी भी प्रकार का समझौता करने के मूड में नहीं हैं।
युवाओं और बेरोजगारी का मुद्दा
सभा में बेनीवाल ने युवाओं के मुद्दों को भी जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने युवाओं के सपनों को कुचलने का काम किया है। हाल ही में हाई कोर्ट के फैसले से एसआई भर्ती रद्द होना युवाओं और तेजा भक्तों की बड़ी जीत है। बेनीवाल ने राजस्थान को “फर्जी डिग्रियों का गढ़” बताते हुए कहा कि दिल्ली में कई सांसद उनसे इस मुद्दे पर चर्चा करते हैं और पूछते हैं कि आखिर राजस्थान में इतनी फर्जी डिग्रियां क्यों मिलती हैं। उन्होंने कहा कि हनुमान बेनीवाल थकने वाला नहीं है और वह सभी गलत प्रथाओं को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जाट समाज की अनदेखी पर नाराजगी
अपने भाषण में बेनीवाल ने जाट समाज से जुड़े राजनीतिक मुद्दों को भी उठाया। उन्होंने कहा कि आज़ादी के 70 साल में जाट समाज से कोई गृह मंत्री तक नहीं बना। यहां तक कि मोदी सरकार के पहले मंत्रिमंडल में भी एक भी जाट कैबिनेट मंत्री शामिल नहीं था। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हटाए जाने पर उन्होंने तंज कसा और कहा कि अगर जाट समाज को बार-बार नजरअंदाज किया जाएगा तो “दिल्ली घेर लेंगे।”
कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर हमला
बेनीवाल ने कांग्रेस पार्टी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कर्नल सोनाराम चौधरी के निधन के बाद भी उनके पार्थिव शरीर को उचित सम्मान नहीं दिया। इस पर उन्होंने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। साथ ही, भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों पर सवाल खड़े करते हुए बेनीवाल ने कहा कि जो नेता इन दलों में उपेक्षित महसूस कर रहे हैं, वे आरएलपी में शामिल हों। उन्होंने कहा कि “कब तक दूसरों के दलों में रहोगे, आओ और कंधे से कंधा मिलाकर राजस्थान की लड़ाई लड़ें।”
समर्थकों को लेकर भावुकता और नया संदेश
सभा के दौरान बेनीवाल ने अपने समर्थकों के छोड़कर जाने पर भी पीड़ा जाहिर की। उन्होंने कहा कि बाड़मेर में उनके कुछ पुराने साथी उन्हें छोड़कर चले गए, लेकिन वह हार मानने वाले नहीं हैं। उन्होंने घोषणा की कि वह नए साथियों को तैयार करेंगे और राजस्थान की राजनीति में अपनी पकड़ और मजबूत करेंगे।