मनीषा शर्मा। खींवसर विधानसभा उपचुनाव, 2023, राजस्थान की राजनीति का एक महत्वपूर्ण अध्याय बन गया। यहां भाजपा ने 16 साल बाद जीत दर्ज की और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के विधानसभा में प्रतिनिधित्व का अंत हुआ। इस चुनाव ने RLP प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल, भाजपा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर और डॉ. ज्योति मिर्धा की राजनीतिक साख को चुनौती दी। हनुमान बेनीवाल ने चुनाव परिणामों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने इसे RLP की हार नहीं, बल्कि एक साजिश का परिणाम बताया। साथ ही, RLP के भविष्य और उनकी राजनीति को लेकर बड़ी बातें कहीं।
खींवसर में RLP के वोट बढ़े, हमारी हार नहीं हुई: बेनीवाल
हनुमान बेनीवाल ने भास्कर से बातचीत में दावा किया कि RLP ने खींवसर में अपना वोट प्रतिशत बढ़ाया है। उन्होंने कहा, “हमने 79 हजार से 95 हजार वोट तक पहुंचने में सफलता पाई है। यह साबित करता है कि हमारा जनाधार मजबूत हो रहा है। कांग्रेस का वोट भाजपा में शिफ्ट हो गया, जो मैच फिक्सिंग का नतीजा था।”
बेनीवाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भाजपा ने चुनाव में एक-दूसरे के साथ गठजोड़ किया। “सीबीआई और ईडी के दबाव में कांग्रेस ने ऐसे उम्मीदवार उतारे, जिससे भाजपा को सीधा फायदा हुआ। यह राजस्थान की राजनीति में जातिवाद को फिर से बढ़ावा देने की कोशिश थी।”
सरकारी मशीनरी और गठजोड़ ने हार को मजबूर किया
हनुमान बेनीवाल ने भाजपा पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया। “चुनाव के दौरान MLA और MP फंड को रोक दिया गया। विकास कार्य ठप कर दिए गए। कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराने की कोशिश की गई।”उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी ने इन सबके बावजूद जन समर्थन जुटाया। ” जिन पंचायतों में हमारी हमेशा हार होती थी, वहां हार का अंतर बढ़ा, लेकिन यह भाजपा की जीत नहीं है।”
आरएलपी का भविष्य उज्ज्वल, राजनीतिक पापा मैं ही रहूंगा
चुनाव में हार के बाद हनुमान बेनीवाल ने स्पष्ट किया कि यह RLP की पराजय नहीं है। “RLP ने अपने वोट बैंक को बढ़ाया है और आने वाले समय में यह पार्टी प्रदेश की बड़ी ताकत बनेगी। जो नेता पार्टी छोड़कर गए हैं, उनका पॉलिटिकल पापा मैं ही रहूंगा।”उन्होंने कहा कि पार्टी को कमजोर करने की कोशिशें नाकाम होंगी। “कांग्रेस और भाजपा ने मिलकर आरएलपी को खत्म करने की योजना बनाई थी, लेकिन हम अपनी रणनीति से इसे विफल कर देंगे।”
भाजपा-कांग्रेस ने नागौर में राजनीति को गिराया
हनुमान बेनीवाल ने नागौर क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा पर चुनावी साजिश के आरोप लगाए। “नाथूराम मिर्धा की पोती ज्योति मिर्धा अब उसी भाजपा का झंडा पकड़े हुए हैं, जिसे नाथूराम जी सत्यानाशी का फूल कहते थे।” उन्होंने कहा कि नागौर में दो ही वोट चलते हैं – एक उनके पक्ष में और दूसरा उनके विरोध में। “मेरे विरोधी एकजुट हो गए, लेकिन मेरा पक्ष और मजबूत हो रहा है। खींवसर में 1 लाख वोटों का आंकड़ा हम जल्द पार करेंगे।”
भाजपा में कोई दम नहीं, सब आरएलपी के भरोसे
भाजपा प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल के बयान, “चूहा शेर बन गया था, भाजपा ने फिर चूहा बना दिया” पर बेनीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी। “राधामोहन जैसे लोग क्या जानते हैं? लोकसभा में जब बीजेपी के नेताओं को घुसपैठियों ने धमकाया, तब मैंने उनकी मदद की थी। शेर कौन है, यह ऐसे मौकों पर पता चलता है।”
हार से मिली सीख, बड़ी जीत की तैयारी
बेनीवाल ने कहा कि हर हार में एक बड़ी जीत का रहस्य छिपा होता है। “हम 2028 में दलित और शोषित वर्गों की आवाज बनकर उभरेंगे। RLP का उद्देश्य सत्ता में आना नहीं, बल्कि जनता के लिए संघर्ष करना है।” उन्होंने खींवसर से दूरी की अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि यह क्षेत्र उनका परिवार है। “खींवसर को कभी नहीं छोड़ूंगा, बल्कि पूरे राजस्थान में अपनी पार्टी को मजबूत करूंगा।”
आर्थिक चुनौतियों के बावजूद ईमानदार राजनीति
बेनीवाल ने भाजपा और कांग्रेस पर आरोप लगाया कि दोनों पार्टियां चुनाव में बड़े पैमाने पर धन का उपयोग करती हैं। “RLP ने कभी किसी से 1 रुपए का चंदा नहीं लिया। हम उधार लेकर लड़ते हैं, लेकिन जनता के सामने ईमानदार रहते हैं।”
RLP का भविष्य: “मजबूत रणनीति और प्रदेशव्यापी विस्तार”
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि खींवसर में हार के बावजूद पार्टी के लिए रास्ता खत्म नहीं हुआ। “हम आने वाले चुनावों में मजबूत रणनीति बनाकर प्रदेश में नई दिशा देंगे।” उन्होंने कहा कि हार से पार्टी को सीख मिली है और अब वह इसे एक नए अवसर के रूप में देख रहे हैं।
राजनीति में RLP की वापसी
खींवसर उपचुनाव ने राजस्थान की राजनीति में कई नए पहलू उजागर किए। हनुमान बेनीवाल की RLP ने भले ही विधानसभा में अपनी जगह खो दी हो, लेकिन उनका आत्मविश्वास और पार्टी की दिशा स्पष्ट है। आने वाले चुनावों में उनकी पार्टी किस तरह से उभरती है, यह देखना दिलचस्प होगा।