शोभना शर्मा। देशभर की नजरें इस समय GST परिषद (GST Council) की दो दिवसीय बैठक पर टिकी हुई हैं। यह बैठक कल से शुरू होगी और माना जा रहा है कि इसमें आम जनता को बड़ी राहत देने वाले फैसले लिए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में सरकार 150 से ज्यादा प्रोडक्ट्स पर टैक्स दरें घटाने पर विचार कर रही है। अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता है तो न केवल रोजमर्रा के खाने-पीने की चीजें सस्ती होंगी, बल्कि पैसेंजर व्हीकल, टू-व्हीलर और बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी सामग्री भी कम कीमत पर उपलब्ध होगी।
क्यों अहम है यह बैठक?
जीएसटी परिषद देश में अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) से जुड़े सबसे बड़े फैसले लेने वाली संस्था है। इसमें केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं। इस बार बैठक इसलिए अहम है क्योंकि इसमें मौजूदा चार-रेट स्ट्रक्चर (5%, 12%, 18% और 28%) को घटाकर केवल दो स्लैब में लाने का प्रस्ताव है। अगर ऐसा होता है तो टैक्स सिस्टम ज्यादा सरल और पारदर्शी होगा और उपभोक्ताओं को सीधी राहत मिलेगी। सरकार का उद्देश्य है कि त्योहारों के सीजन से पहले आम लोगों को महंगाई से राहत दी जा सके।
खाने-पीने की चीजें होंगी सस्ती
बैठक में सबसे बड़ा फोकस खाने-पीने की रोजमर्रा की वस्तुओं पर है। कई सामानों को शून्य टैक्स (Zero GST) के दायरे में लाने का प्रस्ताव है।
खुला पनीर, खाखरा, पिज्जा ब्रेड, चपाती और रोटी जैसी जरूरी चीजों पर अभी 5% से 18% तक का टैक्स लगता है, लेकिन इन्हें जीएसटी फ्री किया जा सकता है।
पराठा, जो रेडी-टू-ईट फूड कैटेगरी में आता है और इस समय 18% जीएसटी के दायरे में है, उसे भी टैक्स फ्री करने पर विचार हो रहा है।
मक्खन, गाढ़ा दूध, जैम, नमकीन, मशरूम और खजूर जैसी वस्तुओं पर टैक्स को 12% से घटाकर 5% करने की तैयारी है।
इस कदम से सीधे तौर पर आम घरों के खर्चों में कमी आएगी।
मिठाइयों और स्नैक्स पर भी राहत
केंद्र ने प्रस्ताव रखा है कि मिठाइयां, पैकेज्ड स्नैक्स, आइसक्रीम, पेस्ट्री और अनाज के फ्लेक्स जैसे नाश्ते के सामान पर टैक्स दर को 18% से घटाकर 5% कर दिया जाए। यह कदम खासकर शहरी और युवा वर्ग को राहत देगा, क्योंकि इन उत्पादों की खपत सबसे ज्यादा इसी समूह में होती है। टैक्स कटौती का असर इनकी जेब पर सीधा दिखेगा और बाजार में खपत में तेजी आएगी।
गाड़ियां हो सकती हैं किफायती
जो लोग दिवाली से पहले नई गाड़ी या टू-व्हीलर खरीदने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए यह बैठक बड़ी खुशखबरी ला सकती है। परिषद एंट्री-लेवल पैसेंजर कार और टू-व्हीलर पर जीएसटी को 28% से घटाकर 18% करने पर विचार कर रही है। इस समय गाड़ियों पर 28% टैक्स के अलावा इंजन और मॉडल के हिसाब से 1% से 22% तक सेस देना पड़ता है। अगर नया प्रस्ताव लागू होता है तो छोटी कार और टू-व्हीलर खरीदना पहले से काफी सस्ता हो जाएगा।
शिक्षा क्षेत्र को फायदा
बैठक में बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी वस्तुओं को भी टैक्स फ्री करने की योजना है।
इसमें मैप्स, ग्लोब, पेंसिल शार्पनर, एक्सरसाइज बुक्स, ग्राफ बुक और लैब नोटबुक जैसी सामग्री शामिल है।
फिलहाल इन पर 12% टैक्स लगता है, लेकिन नए प्रस्ताव के बाद इनकी कीमत घट जाएगी।
यह फैसला छात्रों और अभिभावकों दोनों के लिए बड़ी राहत साबित होगा, खासकर जब नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो रहा है।
कब से लागू होंगे नए रेट?
सूत्रों के अनुसार, जीएसटी परिषद की बैठक में अगर ये प्रस्ताव पास हो जाते हैं, तो 22 सितंबर तक नए रेट लागू किए जा सकते हैं। सरकार की मंशा है कि आने वाले त्योहारों के सीजन से पहले लोगों को राहत मिले, जिससे बाजार में खरीदारी का माहौल भी बेहतर बने।
असर क्या होगा?
इस टैक्स कटौती का असर दो स्तर पर दिखाई देगा।
आम जनता को राहत – जब रोजमर्रा की चीजें और गाड़ियां सस्ती होंगी तो लोगों के खर्च कम होंगे।
अर्थव्यवस्था को मजबूती – कीमतें घटने से बाजार में खपत बढ़ेगी। ज्यादा बिक्री से सरकार को टैक्स कलेक्शन में संभावित नुकसान की भरपाई हो जाएगी।