शोभना शर्मा। भारत में 22 सितंबर से लागू हुए जीएसटी सुधार (GST 2.0) ने देश की कर प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव लाए हैं। इन सुधारों का मकसद न केवल टैक्स प्रणाली को सरल बनाना है, बल्कि व्यापार को और सुगम बनाकर Ease of Doing Business को बढ़ावा देना भी है। कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के पश्चिमी क्षेत्र के अध्यक्ष ऋषि कुमार बागला ने कहा कि इन सुधारों से उद्योगों और उपभोक्ताओं दोनों को राहत मिलेगी और भारतीय अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी।
GST 2.0 के प्रमुख बदलाव
सीआईआई के कार्यक्रम में बोलते हुए बागला ने दो बड़े बदलावों पर जोर दिया:
टैक्स स्लैब में कटौती – अब तक जीएसटी के चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) लागू थे। इन्हें घटाकर सिर्फ दो कर दिया गया है – 5% और 18%। इस कदम से कई वस्तुएं और सेवाएं सस्ती हो गई हैं। खासकर रोजमर्रा की चीजों और जीवन रक्षक दवाओं पर कर कम होने से आम उपभोक्ता को सीधी राहत मिलेगी।
सरल टैक्स प्रणाली – टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया को और आसान बनाया गया है। उद्योगों पर अनुपालन (Compliance) का बोझ घटेगा और उन्हें अपने मुख्य व्यवसाय पर ध्यान देने का अवसर मिलेगा। विशेष रूप से MSMEs और स्टार्टअप्स के लिए यह सुधार बेहद उपयोगी साबित होंगे।
किन उत्पादों पर घटा टैक्स?
नए जीएसटी फ्रेमवर्क के तहत करीब 370 उत्पादों पर टैक्स कम कर दिया गया है। इनमें से कई पर टैक्स घटाकर शून्य (0%) कर दिया गया है। जिन वस्तुओं पर पहले 5%, 12% या 18% टैक्स लगता था, वे अब टैक्स फ्री हो गई हैं।
रोजमर्रा की जरूरी वस्तुएं
जीवन रक्षक दवाएं
शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाएं
कुछ खाद्य सामग्री और बुनियादी जरूरत की चीजें
इस बदलाव से आम आदमी की जेब पर बोझ घटेगा और वस्तुओं की खपत बढ़ेगी।
उद्योग और अर्थव्यवस्था पर असर
1. उपभोग में बढ़ोतरी
टैक्स घटने से वस्तुएं सस्ती होंगी। इससे उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति (Purchasing Power) बढ़ेगी और लोग अधिक खर्च करेंगे। इसका सीधा असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर होगा, क्योंकि ज्यादा खर्च का मतलब है बाजार में तेजी और उत्पादन में वृद्धि।
2. व्यापार में आसानी
कम स्लैब और आसान टैक्स फाइलिंग से उद्योगों पर अनुपालन का बोझ कम होगा। विशेष रूप से MSMEs और स्टार्टअप्स के लिए यह सुधार बेहद लाभकारी साबित होंगे।
3. बुनियादी ढांचे का विकास
सरकार पहले से ही इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है। नए एयरपोर्ट, हाईवे और गांव-शहर कनेक्टिविटी पर तेजी से काम हो रहा है। बागला का कहना है कि इन प्रयासों से रोजगार बढ़ेंगे और लोगों की आय में इजाफा होगा। इसका सीधा असर उपभोग और उद्योगों की मांग पर पड़ेगा।
4. ऑटोमोबाइल और हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा
जीएसटी 2.0 का सबसे बड़ा फायदा ऑटोमोबाइल और हाउसिंग सेक्टर को मिलेगा।
सीमेंट और स्टील पर जीएसटी कम होने से घर बनाना सस्ता होगा और रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती मिलेगी।
छोटी कारों और दोपहिया वाहनों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है। इससे ऑटोमोबाइल सेक्टर में मांग बढ़ेगी और लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।
अमेरिकी टैरिफ पर CII की राय
जब बागला से अमेरिकी टैरिफ के संभावित प्रभाव पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच इस मुद्दे पर बातचीत चल रही है। उन्होंने माना कि अल्पकालिक (Short Term) प्रभाव हो सकता है, लेकिन लंबी अवधि में भारत की मजबूत घरेलू मांग और आर्थिक क्षमता इसे संतुलित कर देगी।
क्यों है यह सुधार ऐतिहासिक?
सीआईआई के मुताबिक जीएसटी 2.0 केवल एक कर सुधार नहीं है, बल्कि यह भारत की आर्थिक प्रतिस्पर्धात्मकता (Competitiveness) को और बढ़ाएगा। सरल कर ढांचा और कम टैक्स दरें विदेशी निवेशकों को आकर्षित करेंगी। साथ ही, घरेलू उद्योगों को भी अपने व्यवसाय को विस्तार देने का बेहतर मौका मिलेगा।