शोभना शर्मा। राजस्थान स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में जयपुर में एक भव्य और रंगीन उत्सव की शुरुआत हुई, जिसमें इतिहास, संस्कृति, और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस वर्ष के उत्सव में जयपुर के तीन प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक मंदिरों में विशेष प्रार्थना, भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने राज्य की समृद्ध विरासत का अनुभव किया। राजस्थान महोत्सव 2025 के तहत आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत सुबह के 9 बजे श्री जगत शिरोमणि मंदिर, आमेर से हुई। मंदिर परिसर में आगंतुकों का पारंपरिक स्वागत गुलाब और चंदन के तिलक से किया गया, जो राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक था। इस अवसर पर मीरा बाई के भजनों की मधुर प्रस्तुति ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। भक्तों को मंदिर के ऐतिहासिक महत्व और परंपरा से अवगत कराते हुए प्रसाद वितरण की भी व्यवस्था की गई, जिससे सबका मन प्रसन्न हो उठा।
इसके तुरंत बाद, प्रातः 10 बजे जल महल के सामने स्थित काले हनुमान जी मंदिर में एक विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया। यहाँ के भक्तों ने हनुमान जी की आराधना में अपना सर्वस्व अर्पित किया। इस पूजा-अर्चना में भक्तों को सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी अनुभव हुआ और प्रसाद वितरण के साथ-साथ राजस्थान की धार्मिक परंपराओं का आदर करते हुए एक दूसरे को शुभकामनाएँ दी गईं। मंदिर परिसर की सजावट और वातावरण ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया, जिससे भक्तों में एक नई ऊर्जा और उमंग का संचार हुआ।
प्रातः 11.30 बजे, जयपुर के चांदनी चौक में स्थित श्री बृज निधि मंदिर में भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया। इस भजन संध्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने भावपूर्ण भजनों का आनंद उठाया। इस कार्यक्रम के दौरान अतिथि सज्जन, स्थानीय कलाकारों और संगीतकारों ने अपनी प्रस्तुति से माहौल को और भी मोहक बना दिया। भजन संध्या के समापन पर पुष्प वर्षा की गई और ठंडाई एवं प्रसाद का वितरण किया गया, जिससे सभी में एक उत्साहपूर्ण वातावरण का अनुभव हुआ। इस प्रकार, तीनों मंदिरों में आयोजित ये कार्यक्रम न केवल राजस्थान की धार्मिक विरासत को उजागर कर रहे थे, बल्कि सांस्कृतिक समृद्धि का भी परिचय दे रहे थे।
जयपुर में आयोजित इस महोत्सव की शुरुआत राजस्थान स्थापना दिवस के साथ ही हुई, जो राज्य की समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक है। पर्यटन विभाग ने बताया कि यह आयोजन राजस्थान फेस्टिवल 2025 की शुरुआत मात्र है, जिसके अंतर्गत आगामी सप्ताह भर कई रंगीन और विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह महोत्सव न केवल स्थानीय जनता के लिए बल्कि देश-विदेश से आए पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। 30 मार्च को इस महोत्सव का भव्य समापन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और लाइव प्रदर्शन देखने को मिलेंगे।
राजस्थान महोत्सव 2025 के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों में शिल्प, भोजन, कला, इतिहास और लोक कलाओं का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। उदाहरण स्वरूप, 25 से 30 मार्च तक जवाहर कला केंद्र में प्रतिदिन शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक शिल्प, भोजन और कला उत्सव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय कलाकारों की पेंटिंग प्रदर्शनी, क्राफ्ट बाजार और पारंपरिक व्यंजनों का विशेष आयोजन शामिल होगा। इसी के साथ, 26-27 मार्च को “देखो अपना शहर” नामक जागरूकता यात्रा भी आयोजित की जाएगी, जिसमें अल्बर्ट हॉल, सिटी पैलेस और जंतर मंतर जैसे ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा। इस यात्रा का उद्देश्य युवाओं और योग्य बच्चों को राजस्थान के ऐतिहासिक स्थलों की महत्ता से अवगत कराना है।
27 मार्च को नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के निर्देशक अरु व्यास की अध्यक्षता में “मानस रामलीला” कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जो विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर होने वाला है। इस कार्यक्रम में पारंपरिक नृत्य, संगीत और अभिनय के माध्यम से रामलीला की कहानी का अद्भुत मंचन किया जाएगा, जिससे दर्शकों में उल्लास का संचार होगा। 28 मार्च को शेखर सेन द्वारा प्रस्तुत “तुलसीदास” का एकल अभिनय कार्यक्रम बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित किया जाएगा, जो दर्शकों के बीच कला के प्रति नवचेतना और समर्पण का संदेश देगा।
इसके अतिरिक्त, 29 से 30 मार्च तक प्रकृति प्रेमियों के लिए ट्रेकिंग एवं एडवेंचर इवेंट्स की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। 29 मार्च को अंबा माता मंदिर से सागर झील तक सुबह 6 बजे से ट्रेकिंग की जाएगी, जबकि 30 मार्च को खेरी गेट से सागर झील तक एक और रोमांचक ट्रेकिंग का आयोजन किया जाएगा। इन गतिविधियों का उद्देश्य प्रतिभागियों को राजस्थान की प्राकृतिक सुंदरता और प्राचीन मंदिरों की भव्यता से परिचित कराना है। 30 मार्च को अमर जवान ज्योति (फ्लैग ऑफ) के पास ट्रेजर हंट और कार रैली का आयोजन भी किया जाएगा, जिससे युवाओं में उत्साह और प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा मिलेगा।
सभी आयोजनों का समापन अल्बर्ट हॉल में आयोजित एक भव्य सांस्कृतिक संध्या के साथ होगा, जिसमें राजस्थान के प्रसिद्ध लोक कलाकारों जैसे रवींद्र उपाध्याय, पीयूष पवार, आकांक्षा शर्मा, करनवीर बोहरा, मधु भाट एवं बॉलीवुड के कलाकार अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से दर्शकों का मन मोह लेंगे। इस भव्य सांस्कृतिक संध्या में राजस्थान की समृद्ध लोक कला, संगीत, नृत्य और थिएटर का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।
राजस्थान स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में इस प्रकार के कार्यक्रम राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार आयोजित किए जा रहे हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य प्रदेश के गरीब, युवा, महिला और किसानों को विशेष सौगातें प्रदान करना है। मुख्यमंत्री के मंशा अनुरूप, 25 से 31 मार्च तक आयोजित इन कार्यक्रमों के माध्यम से न केवल राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर का जश्न मनाया जाएगा, बल्कि निवेश उत्सव, सुशासन समारोह और भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से राज्य की प्रगति और विकास की कहानी भी रची जाएगी।
इस आयोजन में पर्यटन विभाग के अतिरिक्त निदेशक आनंद त्रिपाठी, अतिरिक्त निदेशक पवन जैन, संयुक्त निदेशक डॉ. पुनीता सिंह, संयुक्त निदेशक दलीप सिंह राठौड़, उपनिदेशक अशोक चंचलानी सहित विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं, जिन्होंने इस महोत्सव की सफलता में अपना योगदान दिया है। राजस्थान महोत्सव 2025 के ये कार्यक्रम जयपुर के सांस्कृतिक परिदृश्य को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के साथ-साथ राज्य की सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक धरोहर का सजीव प्रदर्शन कर रहे हैं।