शोभना शर्मा। जयपुर के प्रतिष्ठित गोविंददेवजी मंदिर में बुधवार को राधा अष्टमी का उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह 4 बजे मंगला झांकी दर्शन के साथ उत्सव की शुरुआत हुई। ठाकुर श्रीजी और राधारानी जी को पंचामृत से स्नान कराते हुए विशेष पूजा-अर्चना की गई। पंचामृत में दूध, दही, घी, बूरा और शहद का प्रयोग किया गया। इसके बाद भक्तों के लिए महाआरती का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
राधारानी के विशेष श्रृंगार और छप्पन भोग का आयोजन
राधारानी जी को पीले रंग की नवीन पोशाक और अलंकारों से सजाया गया। ठाकुर श्रीजी के लिए छप्पन भोग का आयोजन किया गया, जिसमें पंजीरी, लड्डू, मावा की बर्फी का भोग लगाया गया। महंत अंजन कुमार गोस्वामी की देखरेख में अधिवास पूजन और धूप झांकी का आयोजन किया गया। श्रृंगार झांकी में ठाकुर जी को विशेष फूल बंगला सजाकर दर्शन कराए गए, जो शाम 7 बजे से रात 8:30 बजे तक चले।
7 से 11 सितंबर तक चला राधाष्टमी महोत्सव
मंदिर के प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि 7 सितंबर से शुरू हुए इस महोत्सव में हर दिन विशेष हरिनाम संकीर्तन और झांकियों का आयोजन किया गया। राधा अष्टमी के दिन बंगाली महिला मंडल ने अखंड हरिनाम संकीर्तन किया और शाम को श्री गौर गोविंद महिला मंडल की ओर से राधारानी के जन्म की बधाइयां गाई गईं।