शोभना शर्मा। अलवर स्थित राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य यूनिवर्सिटी के पांचवें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने शिक्षा, कौशल और राष्ट्रीय जिम्मेदारी पर छात्रों को महत्वपूर्ण संदेश दिए। उन्होंने कहा कि केवल डिग्री लेना पर्याप्त नहीं है, आज के युग में कला और कौशल की आवश्यकता पहले से कहीं ज्यादा है।
राज्यपाल बागडे ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए स्पष्ट कहा, “डिग्री वाले लोग नेताओं के चक्कर काटते रहते हैं, लेकिन जिनके पास हुनर होता है, वे कभी भूखे नहीं मरते।” उन्होंने छात्रों को किताबों की दुनिया से बाहर निकलकर वास्तविक जीवन को समझने और सीखने की अपील की।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश और विदेशों में टैलेंट की बहुत अधिक मांग है। अमेरिका में एलन मस्क जैसे बड़े उद्योगपति भी टैलेंटेड इंजीनियरों को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसलिए छात्रों को सिर्फ डिग्री के पीछे न भागकर अपने अंदर कुछ अलग और व्यावहारिक कौशल विकसित करने चाहिए।
राज्यपाल ने समारोह में लड़कियों के प्रदर्शन पर खुशी और गर्व भी जताया। उन्होंने कहा कि पदक जीतने वालों में ज्यादातर लड़कियां हैं, जो यह दर्शाता है कि महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि एक समय था जब सरकारी दफ्तरों में महिलाएं ना के बराबर होती थीं, लेकिन आज दफ्तरों में महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, “अगर यही हाल रहा तो दफ्तरों में महिलाएं ज्यादा और पुरुष कम हो जाएंगे, फिर लड़कों का क्या होगा?”
समारोह में राजस्थान के डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने भी छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के प्रेरणादायक शब्दों को दोहराते हुए कहा, “सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते।” साथ ही स्वामी विवेकानंद के उस ऐतिहासिक संदेश की याद दिलाई – “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।” बैरवा ने छात्रों से अपील की कि वे विश्वविद्यालय में प्राप्त ज्ञान को केवल डिग्री तक सीमित न रखें, बल्कि उसे समाज और राष्ट्र की सेवा में लगाएं।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि डिग्री पाकर छात्रों के चेहरे पर जो खुशी है, वह चुनाव जीतने जैसी प्रतीत होती है। उन्होंने इस विश्वविद्यालय के निर्माण में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के योगदान की भी सराहना की और बताया कि यह संस्थान कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अस्तित्व में आया।
समारोह में राजस्थान के वन मंत्री संजय शर्मा ने भी विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और उन्हें प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा में भूमिका निभाने का आह्वान किया।
समापन पर वाइस चांसलर शील सिंधु पांडेय ने सभी अतिथियों, शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों का धन्यवाद देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है।