मनीषा शर्मा। राजस्थान में सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स को टाइगर रिजर्व और सफारी में फ्री टूर का मौका मिलेगा। वन विभाग की इस नई योजना के तहत स्टूडेंट्स को पर्यावरण और वन्यजीवों के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य के वन विभाग के गेस्ट हाउस को रिनोवेट कर टूरिस्ट्स के लिए खोला जाएगा। यह निर्णय टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता वन मंत्री संजय शर्मा ने की।
स्टूडेंट्स को मिलेगा मुफ्त टूर का अवसर
वन मंत्री ने घोषणा की कि सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स को रणथंभौर, सरिस्का और अन्य टाइगर रिजर्व में फ्री टाइगर सफारी कराई जाएगी। यह पहल स्टूडेंट्स में पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीवों के महत्व को समझाने के लिए की गई है।
इस योजना का उद्देश्य बच्चों को वन्यजीवों के करीब लाना और उन्हें प्राकृतिक संसाधनों की अहमियत बताना है। हालांकि यह सुविधा केवल सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स को ही मिलेगी।
वन विभाग के गेस्ट हाउस अब टूरिस्ट्स के लिए
राजस्थान में वन विभाग के गेस्ट हाउस, जो अब तक केवल अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए ही उपलब्ध थे, को रिनोवेट कर टूरिस्ट्स के लिए भी खोल दिया जाएगा।
रिनोवेशन की योजना:पुराने किले, बुर्ज, और इमारतों को रिनोवेट किया जाएगा।यहां सनराइज और सनसेट प्वाइंट, इंप्रेशन सेंटर और साइटिंग पॉइंट बनाए जाएंगे।यह पहल टूरिस्ट्स को वन्यजीवों और पर्यावरण को करीब से समझने का अवसर देगी।
सरिस्का टाइगर रिजर्व पर फोकस
सरिस्का टाइगर रिजर्व को अवैध खनन और शिकार से बचाने के लिए एंटी-पोचिंग और वाइल्डलाइफ सर्विलांस सिस्टम को और बेहतर बनाया जाएगा।
सड़क निर्माण पर चर्चा:कोर्ट के आदेश के अनुसार, टाइगर रिजर्व एरिया में सड़क बनाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई।
भूमि ट्रांसफर:अलवर कलेक्टर ने बताया कि सरिस्का रिजर्व की 57,000 हेक्टेयर भूमि में से 50,000 हेक्टेयर वन विभाग को ट्रांसफर हो चुकी है। शेष भूमि जल्द ही ट्रांसफर की जाएगी।
फॉरेस्ट चौकियों पर सुविधाओं का विकास
बैठक में फॉरेस्ट चौकियों में मूलभूत सुविधाएं विकसित करने पर भी जोर दिया गया। यह चौकियां वन्यजीवों की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
नए टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर की पहल
रणथंभौर और सरिस्का जैसे टाइगर रिजर्व में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नए फैसिलिटी सेंटर बनाए जाएंगे। यह कदम राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने में मदद करेगा।