मनीषा शर्मा। राजस्थान सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत चल रहे गिवअप अभियान को अंतिम चेतावनी की स्थिति में पहुंचा दिया है। अब तक जिन लोगों ने योजना से स्वेच्छा से नाम नहीं हटाया है, उनके लिए 30 अप्रैल आखिरी तारीख तय की गई है। इसके बाद अगर कोई अपात्र लाभार्थी योजना में शामिल पाया जाता है, तो उससे 27 रुपये प्रति किलो की दर से सब्सिडी का भुगतान वसूल किया जाएगा, साथ ही उस पर ब्याज भी जोड़ा जाएगा।
अब तक लाखों ने हटवाया नाम, लाखों को मिला लाभ
सरकार के इस व्यापक अभियान का असर भी दिख रहा है। अब तक 17 लाख 63 हजार से ज्यादा अपात्र लोग स्वेच्छा से सूची से हट चुके हैं। दूसरी ओर, 20 लाख 80 हजार से अधिक नए पात्र परिवारों को योजना में शामिल किया गया है। यह स्पष्ट संकेत है कि सरकार की यह पहल जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाने में सफल रही है।
कौन हैं अपात्र? सरकार ने जारी की स्पष्ट गाइडलाइन
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि NFSA योजना का लाभ उन्हीं लोगों को मिल सकता है जो निर्धनता रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं या जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपए से कम है। विभाग के अनुसार निम्नलिखित वर्ग इस योजना के दायरे से बाहर हैं:
सरकारी, अर्द्ध सरकारी एवं स्वायत्तशासी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारी
एक लाख रुपए से अधिक वार्षिक आय वाले व्यक्ति
पेंशनधारी
आयकर दाता
निजी चौपहिया वाहन रखने वाले व्यक्ति
यदि इन श्रेणियों के लोग NFSA योजना का लाभ ले रहे हैं, तो वे स्पष्ट रूप से अपात्र माने जाएंगे।
सरकार की सख्त चेतावनी: अब सीधे वेतन से होगी वसूली
विभाग ने यह भी बताया है कि अभी भी हजारों की संख्या में ऐसे सरकारी कर्मचारी हैं जिन्होंने योजना से नाम नहीं हटवाया है। इनके नाम संबंधित विभागों को भेज दिए गए हैं और अब वसूली सीधे उनके मासिक वेतन से की जाएगी।
इस कदम से सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अब किसी भी प्रकार की लापरवाही या धोखाधड़ी को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी।
‘जो खुद हटे, वो बचे; जो पकड़े गए, वो चुकाएं’
गिवअप अभियान के अंतिम चरण में सरकार की रणनीति बेहद स्पष्ट है— “जो खुद सामने आकर नाम हटाएंगे, उन्हें दंड से छूट मिलेगी”, लेकिन जो पकड़े जाएंगे, उनसे न केवल पूरी सब्सिडी वसूली जाएगी बल्कि वित्तीय दंड और ब्याज भी लगाया जाएगा।
यह नीति पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ-साथ सामाजिक न्याय की दिशा में भी एक मजबूत कदम है। इससे उन वास्तविक जरूरतमंदों को योजना का लाभ मिल सकेगा, जो आज भी उचित सहायता के अभाव में संघर्ष कर रहे हैं।
सरकार की अपील: समय रहते करें नाम हटाने की प्रक्रिया पूरी
राज्य सरकार ने एक बार फिर अपील की है कि जो भी लोग स्वयं को अपात्र मानते हैं या जिनके हालात योजना के मापदंडों के बाहर आते हैं, वे बिना देर किए 30 अप्रैल 2025 से पहले अपने SSO ID से लॉग इन कर योजना से नाम हटाएं।
यदि कोई लाभार्थी इस अवधि के बाद पकड़ा जाता है, तो उस पर लगे दंड से बचना संभव नहीं होगा।