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CM से डोटासरा के तीखे सवाल, बोले- भाषणबाजी में उलझी है सरकार

CM से डोटासरा के तीखे सवाल, बोले-  भाषणबाजी में उलझी है सरकार

मनीषा शर्मा।  राजस्थान की सियासत में एक बार फिर शेखावाटी क्षेत्र चर्चा में है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के तीन दिवसीय शेखावाटी दौरे को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला है। डोटासरा ने मुख्यमंत्री से 10 बड़े सवाल करते हुए प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने सरकार को ‘भाषण की राजनीति’ करने वाली बताते हुए कहा कि शेखावाटी की जनता के ज्वलंत मुद्दे अब भी जस के तस हैं, लेकिन सरकार उन्हें अनदेखा कर रही है।

डोटासरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तीखे शब्दों में अपनी बात रखते हुए कहा कि इस भीषण गर्मी में प्रशासन को बिजली, पानी और हीट वेव से जनता को राहत देने की जिम्मेदारी उठानी चाहिए, लेकिन सरकार केवल स्वागत यात्राओं में व्यस्त है। डोटासरा ने मुख्यमंत्री से उन वादों का हिसाब मांगा, जो भाजपा ने चुनावों के दौरान जनता से किए थे।

सीकर संभाग और नीमकाथाना जिला रद्द करने का सवाल

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने पहला सवाल उठाते हुए पूछा कि जनभावनाओं को नजरअंदाज कर सरकार ने सीकर संभाग और नीमकाथाना को जिला बनाने का निर्णय क्यों रद्द किया? उन्होंने कहा कि यह जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। चुनावी घोषणा में किए वादे से पीछे हटकर भाजपा ने क्षेत्र की जनता को धोखा दिया है।

पंचायत और नगरपालिका वार्ड परिसीमन में राजनीतिक दुर्भावना का आरोप

डोटासरा ने आरोप लगाया कि सरकार बिना आम सहमति के पंचायतों और नगरपालिकाओं के वार्डों का पुनर्गठन कर रही है। ग्रामवासियों की आपत्तियां दरकिनार कर परिसीमन में असंवैधानिक तरीके अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने इसे राजनीतिक द्वेष और दुर्भावना की मानसिकता करार दिया।

सीकर को नगर निगम दर्जा न देने का कारण बताए सरकार

उन्होंने तीसरे सवाल में सीकर को नगर निगम का दर्जा नहीं देने पर नाराजगी जताई। डोटासरा ने कहा कि जब भीलवाड़ा और पाली को नगर निगम बनाया जा सकता है, तो सीकर को क्यों वंचित रखा गया? मुख्यमंत्री को इसका स्पष्ट जवाब देना चाहिए।

यमुना जल समझौते में हरियाणा के सामने समर्पण का आरोप

गोविंद सिंह डोटासरा ने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि यमुना जल समझौते में हरियाणा के सामने समर्पण कर शेखावाटी की जनता के हितों की अनदेखी की गई। उन्होंने पूछा कि कांग्रेस सरकार में 7 हजार करोड़ की कुंभाराम लिफ्ट परियोजना की स्वीकृति के बावजूद अब तक क्षेत्र को पानी क्यों नहीं मिल पाया?

जीणमाता मंदिर के कपाट बंद रहने की जिम्मेदारी कौन लेगा?

पांचवें सवाल में उन्होंने पहली बार जीणमाता मंदिर के कपाट बंद होने पर सवाल उठाते हुए इसे आस्था पर कुठाराघात बताया। साथ ही खाटूश्यामजी कॉरिडोर के लिए 100 करोड़ की घोषणा के बावजूद निर्माण कार्य शुरू न होने पर भी सरकार को घेरा।

बजट घोषणाओं में शेखावाटी की अनदेखी क्यों?

डोटासरा ने पूछा कि भाजपा सरकार ने बजट घोषणाओं में शेखावाटी की घोर उपेक्षा क्यों की? पिछली कांग्रेस सरकार में स्वीकृत विकास कार्यों को रोकने का क्या औचित्य था? उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री के लिए प्रदेश की पूरी जनता बराबर है, तो शेखावाटी की जनता के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है?

डेढ़ साल से सीकर का विकास क्यों ठप?

कांग्रेस नेता ने सातवें सवाल में कहा कि भाजपा सरकार में डेढ़ साल से सीकर का विकास पूरी तरह ठप है। न तो कोई नया मास्टर प्लान आया और न ही निकायों की वित्त पोषण राशि जारी हुई। जयपुर और कोटा की तरह सीकर को एजुकेशन हब बनाने का सपना भी अधूरा है।

किसानों और आमजन को पानी नहीं, सीएम के स्वागत में पानी की बर्बादी

डोटासरा ने तंज कसते हुए कहा कि एक ओर किसान पानी के लिए तरस रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री के स्वागत में पानी की बेतहाशा बर्बादी हो रही है। उन्होंने कहा कि किसानों के डिमांड नोट जमा होने के बावजूद कृषि कनेक्शन नहीं दिए जा रहे और बिजली की भी भारी किल्लत है।

दलित अत्याचारों में बढ़ोतरी पर भाजपा की चुप्पी

नौवें सवाल में डोटासरा ने शेखावाटी में दलितों पर अत्याचार के बढ़ते मामलों का जिक्र किया। फतेहपुर, सीकर और झुंझुनूं में दलितों पर हुई घटनाओं को उन्होंने भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता का उदाहरण बताया।

छात्र संगठनों के साथ भेदभाव का आरोप

अंत में डोटासरा ने शेखावाटी यूनिवर्सिटी में लगातार पेपर लीक, संघ के दखल और छात्र संगठनों के साथ भेदभाव के मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में भारी अनियमितताएं हो रही हैं, जिसे सरकार नजरअंदाज कर रही है।

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