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सरकार ने किया देवली-उनियारा हिंसा पीड़ितों को मुआवजा देने का ऐलान

सरकार ने किया देवली-उनियारा हिंसा पीड़ितों को मुआवजा देने का ऐलान

मनीषा शर्मा।  राजस्थान सरकार ने टोंक जिले के देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान समरावता क्षेत्र में भड़की हिंसा के पीड़ितों को मुआवजा देने का निर्णय लिया है। यह फैसला गृह विभाग द्वारा लिया गया, जिसमें कुल 30.95 लाख रुपए की सहायता राशि स्वीकृत की गई है। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा उपखंड अधिकारी (एसडीएम) को थप्पड़ मारने की घटना के बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया था, जिसने बाद में हिंसक रूप ले लिया। गृह विभाग ने इस घटना को सांप्रदायिक दंगों और सामाजिक उपद्रवों की श्रेणी में रखा है। विभाग के अनुसार, इस हिंसा में जान-माल का व्यापक नुकसान हुआ था, जिसमें वाहनों को आग लगाई गई, लोग घायल हुए, मकानों को नुकसान पहुंचा और घरेलू सामान भी जला। इन सभी को ध्यान में रखते हुए मुआवजा तय किया गया है।

मुआवजे का विस्तृत विवरण

सरकार ने हिंसा में घायल सात लोगों को एक-एक लाख रुपए का मुआवजा मंजूर किया है। इन घायलों में संजय मीणा, राजंती, बलराम, फूलचंद, कजोड़, दिलबाग और मीठालाल शामिल हैं। इसके अलावा, आगजनी में जले वाहनों के लिए भी मुआवजा तय किया गया है।

दस चौपहिया वाहनों में से तीन स्थानीय लोगों और सात बाहरी लोगों के थे। प्रत्येक को एक-एक लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। वहीं, 39 दुपहिया वाहनों में से 10 स्थानीय, 26 बाहरी लोगों के और तीन अज्ञात वाहन मालिकों के वाहन थे। प्रत्येक दुपहिया वाहन के लिए 30,000 रुपए की राशि तय की गई है।

स्थानीय दुपहिया वाहन मालिकों में जीतराम मीणा, चरतलाल मीणा, विमल कुमार मीणा, राजेश मीणा, मुखराज मीना, जगदीश मीणा, रामबिशन मीणा, बीरबल मीणा, गोरु मीणा और बृजराज मीणा शामिल हैं।

घरेलू सामान के नुकसान के तहत जमनालाल मीणा के सैमसंग एलईडी टीवी के लिए 25 हजार रुपए मुआवजा मंजूर हुआ है। रामकरण मीणा को उनकी जलकर मरी बकरी के लिए 25 हजार और आठ बीघा खेत में जले 10 ट्रॉली चारे के नुकसान के लिए भी 25 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। मकानों के नुकसान को देखते हुए तीन व्यक्तियों – जगदीश मीणा, फूलचंद मीणा और जलाल मीणा – को 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।

कानूनी और बीमा संबंधित प्रावधान

गृह विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी वाहन का बीमा है, तो बीमा कंपनी से मिलने वाली राशि को सरकारी मुआवजे में समायोजित किया जाएगा। साथ ही, यदि किसी व्यक्ति को पुलिस द्वारा दर्ज मामलों में आरोपी पाया जाता है, तो उसे मुआवजा जांच के बाद ही दिया जाएगा। विभाग ने इस आशय का पत्र टोंक के जिला कलेक्टर को भेज दिया है।

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