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सोने ने 25 साल में शेयर बाजार को पछाड़ा, निवेशकों को मिला दमदार रिटर्न

सोने ने 25 साल में शेयर बाजार को पछाड़ा, निवेशकों को मिला दमदार रिटर्न

शोभना शर्मा।  जब भी निवेश की बात आती है, तो ज्यादातर लोग शेयर बाजार को प्राथमिकता देते हैं। लेकिन असली रिटर्न देने वाला खिलाड़ी सोना साबित हुआ है। पिछले 25 वर्षों के आंकड़े यह साफ दर्शाते हैं कि सोने ने इक्विटी यानी शेयर बाजार से भी बेहतर प्रदर्शन किया है। यही वजह है कि एक बार फिर निवेशकों की नजर सोने पर टिक गई है।

Zerodha के सीईओ नितिन कामथ द्वारा साझा की गई एक रिपोर्ट ने यह साफ कर दिया कि 2000 से लेकर अब तक यानी लगभग 25 वर्षों में सोने ने 2027% का रिटर्न दिया है, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स केवल 1470% का रिटर्न दे पाया है। इस भारी अंतर ने यह साबित कर दिया कि सोना ना केवल सुरक्षित निवेश है बल्कि लंबे समय में यह दमदार रिटर्न भी देता है।

मुश्किल समय में सोने की चमक और बढ़ती है

इतिहास गवाह है कि जब भी आर्थिक संकट आया है, तब सोने ने अपनी चमक और बढ़ा दी है। 2008 की वैश्विक मंदी हो या फिर 2020 की कोरोना महामारी—हर बार जब शेयर बाजार डगमगाया, सोने ने स्थिरता और विश्वास दिया। यही वजह है कि निवेशक इसे ‘सेफ हेवन’ यानी सुरक्षित पनाहगाह मानते हैं।

कामथ ने कहा, “कोई नहीं जानता कि सोने की कीमतें क्यों बढ़ती हैं, लेकिन यह काम करता है।” उन्होंने एक चार्ट के माध्यम से दिखाया कि कैसे निफ्टी जब मंदी के दौरान गिरा, तब सोना मजबूती से टिका रहा। इस चार्ट ने यह साबित कर दिया कि सोना न केवल स्थिर है बल्कि संकट के समय में और मजबूत होता है।

2025 और 2024 में भी दिखाया दम

हाल के वर्षों में भी सोने ने अपनी मजबूती साबित की है। 2025 में अब तक सोने की कीमतों में 18% की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि निफ्टी लार्ज मिडकैप 250 इंडेक्स में 6% की गिरावट देखी गई। वहीं 2024 में सोने ने 25% का रिटर्न दिया था, जबकि निफ्टी लार्जकैप 250 का रिटर्न 19% रहा।

इतना ही नहीं, 2005 से अब तक देखें तो सोना हर साल औसतन 20% का रिटर्न देता रहा है। केवल तीन बार ऐसा हुआ जब रिटर्न नेगेटिव रहा—2023 में 18%, 2015 में 8% और 2021 में 2% की गिरावट आई थी। यह दर्शाता है कि दीर्घकालीन नजरिए से सोना एक बेहद स्थिर और लाभकारी निवेश विकल्प रहा है।

गोल्ड ईटीएफ: निवेश का आधुनिक तरीका

हालांकि पहले लोग भौतिक सोना खरीदते थे, लेकिन अब समय बदल गया है। नितिन कामथ ने कहा कि अब सोने में निवेश का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) है। खासकर तब, जब सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) जारी करना बंद कर दिया है।

Zerodha की एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) ने हाल ही में GOLDCASE नामक गोल्ड ईटीएफ लॉन्च किया है। यह उन निवेशकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन सकता है, जो सोने में बिना भौतिक खरीददारी के निवेश करना चाहते हैं। गोल्ड ईटीएफ पारदर्शिता, लिक्विडिटी और सुरक्षा प्रदान करता है।

निवेशक क्यों करें सोने पर भरोसा?

सोने को लेकर निवेशकों की सोच बहुत स्पष्ट है—यह एक ऐसी संपत्ति है जिस पर वे भरोसा कर सकते हैं। इसकी चमक केवल शारीरिक नहीं, बल्कि आर्थिक रूप से भी स्थायित्व और रिटर्न का प्रतीक बन गई है। जहां शेयर बाजार में अनिश्चितता और जोखिम होता है, वहीं सोना स्थिरता और संतुलन देता है।

भारत जैसे देश में जहां सोने का सांस्कृतिक महत्व भी है, वहां यह निवेश के साथ-साथ सुरक्षा और पारिवारिक संपत्ति का भी प्रतीक है। ऐसे में जब लंबी अवधि के निवेश की बात आती है, तो सोने की चमक कभी फीकी नहीं पड़ती।

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