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लाहौल घाटी का चमत्कारी फल सी बकथॉर्न: त्वचा को बनाए ग्लोइंग

लाहौल घाटी का चमत्कारी फल सी बकथॉर्न: त्वचा को बनाए ग्लोइंग

शोभना शर्मा। हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी अपने प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ अब एक विशेष औषधीय फल के लिए भी प्रसिद्ध होती जा रही है। यह फल है सी बकथॉर्न, जिसे स्थानीय भाषा में छरमा भी कहा जाता है। अपनी चमकदार ऑरेंज बेरी जैसी उपस्थिति और अपार औषधीय गुणों के कारण यह फल अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुपरफूड का दर्जा प्राप्त कर चुका है।

आज जब लोग बढ़ती उम्र, त्वचा की समस्याओं और कमजोर इम्यूनिटी से जूझ रहे हैं, ऐसे समय में सी बकथॉर्न एक प्राकृतिक समाधान के रूप में उभरा है। यह फल न केवल विटामिन सी का एक प्रचुर स्रोत है, बल्कि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, ओमेगा-3, 6, 7 और 9 फैटी एसिड्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं।

विटामिन सी का भंडार, आंवले से भी आगे

अब तक आंवले को विटामिन सी का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता था, लेकिन शोध बताते हैं कि सी बकथॉर्न में उससे भी अधिक मात्रा में यह पोषक तत्व पाया जाता है। यही कारण है कि यह फल त्वचा को चमकदार बनाने, झुर्रियों को कम करने और बढ़ती उम्र को नियंत्रित करने में अत्यंत कारगर साबित होता है।

सेहत और सौंदर्य दोनों के लिए वरदान

सी बकथॉर्न का रस या स्क्वैश पीने से त्वचा पर प्राकृतिक निखार आता है। लाहौल घाटी के लोग वर्षों से इसे अपने घरेलू उपयोग में लाते रहे हैं, लेकिन अब जब इसके लाभों की जानकारी व्यापक हो रही है, तो यह बाज़ार में भी उपलब्ध होने लगा है।

इसके प्रयोग से न केवल त्वचा जवान रहती है, बल्कि शरीर की ओवरऑल हेल्थ भी बेहतर होती है। यह फल शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करता है, जिससे कई बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

सी बकथॉर्न की चाय: एक स्वादिष्ट और सेहतमंद विकल्प

आजकल बाजार में सी बकथॉर्न की चाय भी उपलब्ध है, जिसे कई आयुर्वेदिक और ऑर्गेनिक ब्रांड्स तैयार कर रहे हैं। इस चाय को पीने से शरीर को न केवल ऊर्जा मिलती है, बल्कि यह पाचन तंत्र को भी मजबूत करती है और त्वचा की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करती है।

जो लोग बढ़ती उम्र की चिंताओं से ग्रस्त हैं, उनके लिए यह चाय एक प्राकृतिक समाधान बन सकती है। इसका नियमित सेवन आपकी त्वचा को जवान बनाए रखता है और मानसिक तनाव को भी कम करता है।

सालभर उपयोग के लिए सुखाकर स्टोर करें

लाहौल घाटी के लोग सी बकथॉर्न के फलों को सुखाकर भी स्टोर करते हैं, ताकि इसका लाभ पूरे साल लिया जा सके। सुखे फल से चाय, काढ़ा या अर्क तैयार कर सकते हैं, जो समान रूप से प्रभावी होता है।

यह प्रक्रिया न केवल इसके पोषक तत्वों को सुरक्षित रखती है, बल्कि उपभोक्ताओं को सालभर लाभ लेने का अवसर देती है।

बाजार में बढ़ती मांग और उपयोग

आज जब लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर पहले से अधिक जागरूक हो चुके हैं, सी बकथॉर्न की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और हेल्थ स्टोर्स में इसके जूस, चाय और स्क्वैश आसानी से उपलब्ध हैं।

आयुर्वेदिक कंपनियां इसे अपनी औषधियों और कॉस्मेटिक्स में भी इस्तेमाल कर रही हैं। इसके एंटी-एजिंग गुणों के कारण यह ब्यूटी इंडस्ट्री में भी खासा लोकप्रिय हो रहा है।

प्राकृतिक हेल्थ बूस्टर

अगर आप अपनी सेहत को प्राकृतिक रूप से बेहतर बनाना चाहते हैं, तो सी बकथॉर्न को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। यह फल सिर्फ एक स्वादिष्ट पेय या औषधि नहीं, बल्कि एक सम्पूर्ण स्वास्थ्यवर्धक समाधान है।

इसके नियमित सेवन से शरीर की इम्यूनिटी बेहतर होती है, ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और आप लंबे समय तक फिट और यंग बने रहते हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार के लिए अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से संपर्क अवश्य करें।

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