शोभना शर्मा। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस में फूट होने का बयान पूरी तरह से निराधार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज भी एकजुट है और बीजेपी के आरोप महज राजनीतिक जुमलेबाजी हैं। गहलोत मंगलवार को जयपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे और इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार, राज्य प्रशासन और हालिया चुनावी नतीजों पर खुले तौर पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
मोदी का बयान बकवास, फूट बीजेपी में: गहलोत
अशोक गहलोत ने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कांग्रेस पर फूट का लगाया गया आरोप सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी लगातार जुमलेबाजी करते रहते हैं और हर मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश करते हैं। गहलोत ने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री अपनी ही पार्टी में पिछले दो साल से राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पा रहे हैं, तो ऐसे में फूट किस पार्टी में है, यह साफ समझा जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया है, उसके बावजूद कांग्रेस पार्टी मजबूती से खड़ी है। सभी नेता एकजुट होकर मुकाबला कर रहे हैं और लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
नए मुख्य सचिव वी श्रीनिवास पर सवाल
गहलोत ने राजस्थान के नए मुख्य सचिव वी श्रीनिवास की नियुक्ति पर भी बड़ा सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्य सचिव सुधांश पंत का राजस्थान में लंबा अनुभव था और वे प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे और कार्यप्रणाली से भलीभांति परिचित थे। गहलोत के अनुसार पंत ने मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) को लगातार उचित सलाह और सहयोग प्रदान किया।
इसके विपरीत उन्होंने कहा कि नए मुख्य सचिव वी श्रीनिवास 20 साल से राजस्थान से बाहर रहे हैं, जिससे उनका स्थानीय अफसरों के साथ तालमेल बन पाना मुश्किल हो सकता है। गहलोत ने कहा कि उनका अफसरों के साथ संवाद और इंटरैक्शन उतना विकसित नहीं है जितना इस पद के लिए आवश्यक होता है। उन्होंने यह भी कहा कि अब मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी अधिक जिम्मेदारी उठाएंगे, क्योंकि प्रशासनिक अनुभव की कमी को संतुलित करना चुनौतीपूर्ण रहेगा।
अंता उपचुनाव में कांग्रेस की 15 हजार वोटों से जीत
अशोक गहलोत ने अंता उपचुनाव में कांग्रेस की जीत को जनता के असंतोष का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि मौजूदा राज्य सरकार पूरी तरह फेल हो गई है, जिसकी वजह से कांग्रेस ने यह चुनाव 15 हजार वोटों से जीता। गहलोत ने दावा किया कि उनकी सरकार के दौरान शुरू की गई योजनाओं की पूरे देश में चर्चा रही है और आज भी ग्रामीण क्षेत्रों के लोग उन योजनाओं को याद करते हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की कई लोकप्रिय योजनाएँ, जैसे पेंशन योजना, अन्नपूर्णा योजना, स्कॉलरशिप योजना, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी नीतियों को मौजूदा बीजेपी सरकार ने या तो बंद कर दिया या कमजोर कर दिया। इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ा है और यही कारण है कि लोग अब खुलकर अपना विरोध दिखा रहे हैं।
बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप
गहलोत ने कहा कि प्रदेश में जनता की जनसुनवाई बंद हो चुकी है। लोगों की समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने का वह सिस्टम खत्म हो गया है, जो कांग्रेस सरकार के दौर में मजबूती से काम करता था। इसी वजह से जनता में नाराजगी बढ़ रही है और चुनावों में इसका असर साफ देखा जा सकता है।
बिहार चुनाव पर टिप्पणी
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर गहलोत ने कहा कि वहां धनबल का ऐसा प्रयोग हुआ जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। उन्होंने कहा कि यह बात सामने आ रही है कि महिलाओं के खातों में 10 हजार रुपए जमा करवाने जैसे तरीकों से मतदाताओं को प्रभावित किया गया। गहलोत ने कहा कि यह स्पष्ट है कि चुनाव धनबल के दम पर जीता गया है।


