शोभना शर्मा। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की मौजूदा सरकार पर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। गहलोत ने प्रमोशन पाने के बावजूद छह महीने से बिना पोस्टिंग बैठे IAS और IPS अफसरों, तथा राज्य में बिजली और पानी की गंभीर समस्या को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि राजस्थान में लगभग हर सरकारी विभाग का हाल खराब है। उनकी इस टिप्पणी ने राज्य की प्रशासनिक कार्यप्रणाली और जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रमोशन के बावजूद पोस्टिंग का इंतजार
गहलोत ने आरोप लगाया कि जनवरी 2025 में प्रमोट हुए अनेक IAS और IPS अधिकारी आज तक नई पोस्टिंग की राह देख रहे हैं। उन्होंने लिखा कि यह स्थिति सरकार की प्रशासनिक विफलता को दर्शाती है।
इसके साथ ही गहलोत ने यह भी बताया कि प्रमोशन मिलने के बावजूद करीब 250 तहसीलदार अब तक अपने कनिष्ठ पदों पर काम करने को मजबूर हैं। इस प्रकार की अनियमितता से सरकारी कामकाज और प्रशासनिक दक्षता पर सीधा असर पड़ रहा है।
बिजली और पानी की समस्या बनी गंभीर चुनौती
अशोक गहलोत ने कहा कि उन्होंने एक दिन पहले ही प्रदेश की बिजली कटौती और संकट की ओर ध्यान दिलाया था, लेकिन सरकार ने जवाब में केवल प्रेस वार्ता कर उपलब्धियों का बखान किया।
उन्होंने तंज कसते हुए लिखा कि जमीनी हालात कुछ और हैं, जहां बिजली कटौती की समस्या लगातार बनी हुई है और आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गहलोत ने यह भी बताया कि जयपुर के सांगानेर क्षेत्र, जो कि मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र है, वहां तक पेयजल की भारी किल्लत है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में जल संकट गहराता जा रहा है और लोग प्रदर्शन करने को मजबूर हो रहे हैं।
प्रशासनिक जड़ता और जन समस्याओं का संगम
गहलोत ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि जब पदस्थापन जैसे बुनियादी प्रशासनिक कामों को छह महीने में पूरा नहीं किया जा सका, तो ऐसे में सरकार बड़े और नीतिगत निर्णय कैसे लेगी।
उन्होंने यह सवाल खड़ा किया कि राज्य में न तो प्रशासनिक मशीनरी ठीक से काम कर रही है और न ही जनता की मूलभूत आवश्यकताओं पर कोई स्पष्ट नीति नजर आ रही है।