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राजस्थान में गहलोत बनाम गहलोत की राजनीतिक भिड़ंत

राजस्थान में गहलोत बनाम गहलोत की राजनीतिक भिड़ंत

मनीषा शर्मा। राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर बयानबाजी ने माहौल गर्म कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य की भजनलाल शर्मा सरकार को ‘नाकारा’ और ‘निकम्मा’ कहने के बाद इस टिप्पणी ने नया विवाद खड़ा कर दिया। इस बयान पर वर्तमान मंत्री अविनाश गहलोत ने तीखा पलटवार करते हुए न सिर्फ पूर्व सीएम पर हमला किया बल्कि यह भी कहा कि अशोक गहलोत ने यह शब्द शायद सरकार के लिए नहीं, बल्कि अपने ही पार्टी नेताओं के लिए कहे होंगे, जिनसे उन्होंने सत्ता संघर्ष के दौरान काफी परेशानी झेली थी।

अविनाश गहलोत का पलटवार: “ये शब्द सरकार के लिए नहीं, उनके अपने लोगों के लिए थे”

अविनाश गहलोत ने अपने जवाब में कहा कि अशोक गहलोत का यह बयान उनकी पुरानी पीड़ा से उपजा है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने जल्दबाजी में सरकार को निशाना बनाते हुए वही शब्द दोहरा दिए, जो उन्होंने पहले भी अपने ही सहयोगियों के लिए इस्तेमाल किए थे।
उन्होंने कहा कि सचिन पायलट को लेकर 2020 में अशोक गहलोत ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया था, वह किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि “अशोक गहलोत तो खुद सचिन पायलट को ‘नकारा’ और ‘निकम्मा’ कह चुके हैं। शायद जल्दबाजी में वही शब्द फिर से जुबान पर आ गए। यह बात सरकार के लिए नहीं बल्कि उन कांग्रेसी नेताओं के लिए है जिन्होंने कुर्सी की लड़ाई में राजस्थान की जनता का नुकसान किया था।”

अविनाश गहलोत ने आगे कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री का यह बयान उनके मन में चल रहे अंतर्विरोध और अंदरूनी कलह का नतीजा है। कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई के कारण ही प्रदेश की जनता ने नुकसान झेला और आज भी वह पीड़ा अशोक गहलोत के भीतर बनी हुई है।

काम बोलता है: अविनाश गहलोत ने गिनाई सरकार की उपलब्धियां

अविनाश गहलोत ने पूर्व सीएम के आरोपों को नकारते हुए कहा कि वर्तमान राजस्थान सरकार लगातार जनता हित के काम कर रही है और उसका परिणाम पूरे देश में दिख रहा है। उन्होंने दावा किया कि विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की रिपोर्टों में लगभग 12 से अधिक विभागों में राजस्थान सरकार को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि “यह सब बिना काम किए संभव नहीं है। पिछले दो वर्षों में राजस्थान ने विकास की राह में तेज़ी से कदम बढ़ाए हैं। 3 दिसंबर को मिली जनता की भारी बहुमत के बाद सरकार ने हर विधानसभा में जनहित से जुड़े कामों को तेजी से पूरा किया है। कई योजनाएं ज़मीन पर उतर रही हैं और जनता को इसका सीधा लाभ मिल रहा है।”

अशोक गहलोत का बयान: “राज्य में हाहाकार, कानून व्यवस्था ख़राब”

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बयान में वर्तमान सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ चुकी है और जनता भय का माहौल महसूस कर रही है।
उन्होंने कहा कि “राजस्थान में हाहाकार मचा हुआ है। रोज़ाना सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं, आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं, SIR को लेकर भी आत्महत्याएं हो रही हैं। सड़कें खराब हैं, और भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है।”

अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि सरकार न तो समस्याओं को स्वीकार कर रही है और न ही समाधान की दिशा में काम कर रही है।

2020 में सचिन पायलट पर अशोक गहलोत का हमला

यह विवाद नया नहीं है। 2020 में कांग्रेस सरकार के अंदर बड़े राजनीतिक संकट के दौरान अशोक गहलोत ने अपने ही उपमुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट पर बेहद कड़े शब्दों का प्रयोग किया था।
उन्होंने कहा था कि पायलट “मासूम चेहरे वाला, अंग्रेजी-हिंदी पर अच्छी पकड़ रखने वाला और मीडिया को प्रभावित करने वाला नेता” हैं, लेकिन असल में वे “निक्कमे और नकारा” हैं।
उन्होंने कहा था कि “हम तो जानते थे कि वह कुछ नहीं कर रहे, बस लोगों को लड़वा रहे हैं। जब मुझे मुख्यमंत्री बनाया गया है, तो मैं यहां सब्जी बेचने नहीं आया हूं।”

इन विवादित बयानों को ध्यान में रखते हुए अविनाश गहलोत ने तर्क दिया कि पूर्व सीएम के तीखे शब्दों का इतिहास बताता है कि वे ऐसे शब्द अक्सर अपने ही सहयोगियों के लिए इस्तेमाल कर चुके हैं।

गहलोत बनाम गहलोत: राजनीति की नई जंग

राजस्थान की राजनीति में यह मौजूदा टकराव दिखाता है कि राज्य में राजनीतिक बयानबाजी किस स्तर तक जा रही है। एक तरफ अशोक गहलोत मौजूदा सरकार को नाकारा और निकम्मा बता रहे हैं, वहीं अविनाश गहलोत उनके ही पुराने बयान उनकी ओर मोड़कर पलटवार कर रहे हैं।

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