मनीषा शर्मा। अशोक गहलोत ने बिहार विधानसभा चुनावों के बीच लालू प्रसाद यादव और उनके परिजनों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देश में हर चुनाव से पहले जांच एजेंसियां और अदालतें अचानक सक्रिय हो जाती हैं, जिससे लोकतंत्र पर सवाल खड़े होते हैं। गहलोत ने इसे विपक्ष के लिए समान अवसर के सिद्धांत के खिलाफ बताया।
जयपुर में मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा, “यही तो आश्चर्य होता है, चुनाव से पहले ही कोर्ट भी एक्टिव हो जाता है। चुनाव के पहले ही सीबीआई और ईडी सक्रिय हो जाती हैं। इनको सोचना चाहिए कि चुनाव चल रहा है और लोकतंत्र में सभी को समान अवसर मिलना चाहिए।”
गहलोत ने सवाल उठाया कि अगर चार्जशीट चुनाव के बाद दायर की जाती तो क्या फर्क पड़ता? उन्होंने कहा कि ऐसा करने से यह संदेश नहीं जाता कि जांच एजेंसियों का इस्तेमाल चुनावी फायदे के लिए किया जा रहा है।
सत्ता पक्ष को “माकूल जवाब” की चेतावनी
गहलोत ने साफ शब्दों में कहा कि देश इन सब चीजों को देख रहा है और समय आने पर सत्ता में बैठे लोगों को जनता माकूल जवाब देगी। उन्होंने कहा, “चुनाव के चार महीने पहले भी चार्जशीट दायर की जा सकती थी। अब चुनाव शुरू हो गया है, नोटिफिकेशन जारी हो गया है और आप चालान पेश कर रहे हो। इसको क्या कहेंगे? देश देख रहा है और समय आने पर इसका जवाब देगा।”
गहलोत का यह बयान न केवल राजनीतिक माहौल को गर्माता है बल्कि विपक्षी दलों के बीच एकजुटता की भावना को भी मजबूती देता है।
राइजिंग राजस्थान पर सरकार से जवाब की मांग
गहलोत ने इस मौके पर Rising Rajasthan पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार जनता को बताने में असमर्थ है कि वास्तव में कितना निवेश जमीन पर उतर पाया है। उन्होंने कहा, “विधानसभा में जब हमने एमओयू की स्थिति पर सवाल पूछे तो जवाब में कहा गया कि बहुत बड़ा पुलिंदा हो जाएगा पेज का, इसलिए हम जवाब नहीं दे पा रहे हैं। क्या यह कोई जवाब हुआ? असेंबली सरकार चलाती है — चाहे 50 पेज हो या 200 — जवाब देना तो पड़ता है।”
उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने अब तक जो भी निवेश के दावे किए हैं, वे कितने हद तक धरातल पर उतरे हैं।
निवेश पर गहलोत का रुख
गहलोत ने कहा कि अगर वास्तव में निवेश जमीन पर उतर रहा है तो यह प्रदेश के लिए अच्छी खबर है। उन्होंने कहा, “Amit Shah ने कहा है निवेश धरातल पर उतर रहा है, हमें तो अच्छा लगा। अगर 5-10% भी निवेश धरातल पर उतरता है तो अच्छी बात है। 36 लाख करोड़ के एमओयू हुए थे, अब पांच-सात लाख करोड़ की बात करते हैं, कोई बात नहीं।”
उन्होंने आगे कहा, “हमें बताएं कि जमीन कहां अलॉट हुई है, काम कब शुरू होने वाला है, मशीनरी कब आएगी। निवेश आएगा तो हम स्वागत करेंगे। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, राजस्व बढ़ेगा — हमें उससे कोई दिक्कत नहीं है।”