मनीषा शर्मा। राजस्थान की राजनीति में बीजेपी और कांग्रेस नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर लगातार जारी है। इस बार बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और हरियाणा के प्रदेश प्रभारी सतीश पूनिया ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सीधा हमला बोला है। पूनिया ने गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि गहलोत को केवल सुर्खियों में बने रहना आता है, सत्ता से बाहर रहना उन्हें तकलीफ देता है।
विपक्ष में रहने की समझ नहीं: पूनिया
सतीश पूनिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि गहलोत ने अपने राजनीतिक करियर में आज तक कोई बड़ा आंदोलन नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर गहलोत सचमुच विपक्ष की भूमिका निभाना चाहते हैं, तो उन्हें सिखाने के लिए वे खुद तैयार हैं। पूनिया ने व्यंग्य करते हुए कहा, “मैं फ्री कोचिंग दे सकता हूं कि विपक्ष के मुद्दों पर कैसे सड़क पर लड़ाई लड़ी जाती है। लेकिन अब गहलोत की उम्र ऐसी नहीं रह गई है कि वे आंदोलन की राजनीति कर सकें।”
2022 का घटनाक्रम फिर उठा मुद्दा
पूनिया ने गहलोत के खिलाफ 25 सितंबर 2022 के घटनाक्रम का भी जिक्र किया, जब गहलोत समर्थक विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के यहां परेड कराई थी। उन्होंने कहा कि गहलोत को पार्टी में न्यू सेंस वैल्यू बनाए रखना बखूबी आता है। कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में गहलोत का यह कदम उस समय सुर्खियों में रहा था, और अब भी इसे लेकर उन्हें विपक्षी दलों से तंज सहना पड़ता है।
गहलोत की राजनीतिक यात्रा और सत्ता का मोह
सतीश पूनिया ने गहलोत की लंबी राजनीतिक यात्रा पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि गहलोत हमेशा सत्ता में रहे हैं और यही वजह है कि उन्हें विपक्ष में बैठना कभी रास नहीं आया। पूनिया ने कहा, “मैंने गहलोत को कभी सड़क पर जनता के लिए लड़ते हुए नहीं देखा। वे 29 साल की उम्र में इंदिरा गांधी की सरकार में उप मंत्री बन गए थे। सत्ता से बाहर रहना उनके लिए असुरक्षा की स्थिति है।” पूनिया के अनुसार, गहलोत को सबसे ज्यादा चिंता इस बात की रहती है कि भविष्य में सत्ता मिलेगी या नहीं, कांग्रेस पार्टी में उनकी स्थिति क्या होगी, और उनके बेटे का राजनीतिक भविष्य कैसा रहेगा। ये सारी चिंताएं गहलोत में असुरक्षा का भाव पैदा करती हैं।
राजनीतिक असुरक्षा का भाव
बीजेपी नेता ने साफ तौर पर कहा कि गहलोत की राजनीति में Political Insecurity झलकती है। पूनिया का मानना है कि गहलोत लंबे समय से सत्ता का आनंद लेते रहे हैं, इसलिए अब विपक्ष में बैठना उन्हें बेचैन कर देता है। यही वजह है कि वे अक्सर ऐसे बयान देते हैं, जिनसे वे सुर्खियों में बने रहें।
भाजपा बनाम कांग्रेस की बढ़ती तकरार
राजस्थान की राजनीति में बीजेपी और कांग्रेस के बीच बयानबाजी का यह सिलसिला विधानसभा चुनावों के बाद भी जारी है। जहां गहलोत लगातार भाजपा सरकार पर निशाना साधते रहते हैं, वहीं भाजपा नेता उनके हर बयान पर पलटवार करने में पीछे नहीं रहते। पूनिया का यह बयान भी इसी राजनीतिक तकरार की कड़ी है, जिसमें उन्होंने गहलोत को न केवल सुर्खियों तक सीमित नेता बताया बल्कि उन्हें राजनीतिक रूप से असुरक्षित भी करार दिया।


