मनीषा शर्मा। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नशे के बढ़ते कारोबार और युवाओं के जीवन पर इसके दुष्प्रभावों पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में नशे का कारोबार तेजी से फैल रहा है, जिसमें पुलिसकर्मी तक शामिल पाए गए हैं। गहलोत ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में 50 से अधिक पुलिसकर्मी नशे के कारोबार में शामिल पाए गए। उन्होंने कहा कि प्रशासन और सरकार की उदासीनता के चलते नशा तस्करी बढ़ रही है। नशे के कारण युवा और यहां तक कि स्कूली बच्चे भी बर्बाद हो रहे हैं। उन्होंने सरकार से इस दिशा में कड़ी कार्रवाई की मांग की।
ड्रग्स और पब कल्चर पर सख्ती
गहलोत ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि ड्रग्स पर प्रतिबंध के कानून और सजा का प्रावधान होने के बावजूद, लंबे ट्रायल और सबूतों के अभाव में आरोपी छूट जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, नशा बाजार में आसानी से उपलब्ध है। गहलोत ने कहा, “MDMA जैसी टैबलेट्स और अन्य ड्रग्स युवाओं के लिए आसानी से उपलब्ध हैं। इससे स्कूली बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं। 10वीं और 12वीं के छात्र शराब और ड्रग्स की लत का शिकार हो रहे हैं।” उन्होंने पब कल्चर पर भी टिप्पणी की। उन्होंने लिखा, “दो साल पहले मैंने पब और क्लब कल्चर पर सख्ती की थी, लेकिन मेरा विरोध हुआ। मेरा इरादा युवाओं की भलाई का था। नशा करने वाले व्यक्ति को सही राह दिखाने पर वह विरोध करता है, लेकिन हमें इस दिशा में काम करना चाहिए।”
नशा तस्करी के हॉटस्पॉट पर कार्रवाई की मांग
गहलोत ने कहा कि राजस्थान के कुछ इलाकों जैसे श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर और जोधपुर में नशा तस्करी की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने सरकार से इन इलाकों पर विशेष ध्यान देने और कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि समाज और सरकार को मिलकर इस समस्या का समाधान खोजना होगा।
मोदी सरकार पर तंज: MSP पर वादाखिलाफी का आरोप
गहलोत ने किसानों के मुद्दों पर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने बाजरा और ज्वार की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद न होने पर सवाल उठाए।
गहलोत ने कहा, “मोदी सरकार की गारंटी अब जुमला बन गई है। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में बाजरा और ज्वार की MSP पर खरीद का वादा किया था, लेकिन अब यह झूठ साबित हो रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा किसानों को 12,000 रुपए वार्षिक सम्मान निधि देने और गेहूं की खरीद 2700 रुपए प्रति क्विंटल पर करने के वादों से पहले ही मुकर चुकी है।