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वृंदावन में गौरी गोपाल आश्रम बना हर श्रद्धालु की पहली पसंद

वृंदावन में गौरी गोपाल आश्रम बना  हर श्रद्धालु की पहली पसंद

शोभना शर्मा ।   उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित एक विशेष स्थान, जहां न केवल आध्यात्मिक ज्ञान की गंगा बहती है, बल्कि जहां हर जरूरतमंद व्यक्ति को बिना कोई शुल्क दिए रहने और भोजन की व्यवस्था भी मिलती है। यह स्थान है गौरी गोपाल आश्रम, जिसे सुप्रसिद्ध संत अनिरुद्धाचार्य जी महाराज संचालित करते हैं। यह आश्रम आज हर धर्मप्रेमी और श्रद्धालु के लिए एक आशा का केंद्र बन चुका है।

कौन हैं अनिरुद्धाचार्य जी?

अनिरुद्धाचार्य जी मूल रूप से मध्यप्रदेश के निवासी हैं। उन्होंने अपना जीवन श्रीमद्भागवत कथा, आध्यात्मिक शिक्षाएं और समाज सेवा को समर्पित किया है। वृंदावन में कथा सीखने आए अनिरुद्धाचार्य जी ने यहां गौरी गोपाल आश्रम की स्थापना की, जो अब न केवल वृंदावन बल्कि पूरे देश में अपने सेवाभाव और धार्मिक कार्यों के लिए प्रसिद्ध है। आज उनके प्रवचन और श्रीमद्भागवत कथाएं टीवी चैनलों से लेकर यूट्यूब और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाखों लोगों तक पहुंच रही हैं। लेकिन जितना लोकप्रिय उनका प्रवचन है, उतना ही प्रभावशाली उनका सेवा कार्य भी है।

गौरी गोपाल आश्रम में क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं?

1. रहने की सुविधा – बिल्कुल मुफ्त

गौरी गोपाल आश्रम उन सभी श्रद्धालुओं के लिए एक वरदान है जो वृंदावन आकर रुकने के लिए सस्ती और सुरक्षित जगह तलाशते हैं। इस आश्रम में किसी भी उम्र, वर्ग या राज्य के व्यक्ति को ठहरने की पूरी स्वतंत्रता है – और वो भी बिना किसी किराए के। यहां साफ-सुथरे कमरे, चारपाई, पंखे और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं ताकि हर भक्त को भगवान के सान्निध्य में रहने का अवसर मिल सके।

2. फ्री में मिलता है शुद्ध और स्वादिष्ट भोजन

हर दिन इस आश्रम में हजारों लोगों को भोजन कराया जाता है, जिसमें रोटी, सब्जी, दाल, चावल जैसे शुद्ध शाकाहारी व्यंजन शामिल होते हैं। सुबह से लेकर शाम तक चलने वाली इस सेवा में किसी से भी कोई शुल्क नहीं लिया जाता। यह भोजन सेवा पूर्णतः निःशुल्क है और प्रेमपूर्वक भक्तों को परोसी जाती है।

3. गौशाला और गौ सेवा

आश्रम में एक सुव्यवस्थित गौशाला भी है, जहां दर्जनों गायों की सेवा की जाती है। अनिरुद्धाचार्य जी स्वयं गायों की सेवा को परम धर्म मानते हैं और यहां आने वाले भक्तों को भी गौसेवा के लिए प्रेरित करते हैं। जो लोग अपने मन को शांत करना चाहते हैं, वे यहां गौमाता की सेवा करके सच्ची आत्मसंतुष्टि पा सकते हैं।

4. वृद्ध जनों की सेवा

गौरी गोपाल आश्रम में वृद्ध माताओं और पिता जैसे बुजुर्गों के लिए विशेष सुविधा है। आश्रम के कर्मचारी इन वृद्धजनों की देखभाल भोजन, स्वास्थ्य सेवाएं और दवाइयों सहित हर जरूरत को पूरा करते हैं। यहां उन्हें सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार दिया जाता है।

गौरी गोपाल आश्रम कहां स्थित है और कैसे पहुंचे?

स्थान:
गौरी गोपाल वृद्धाश्रम, परिक्रमा मार्ग, वृंदावन, उत्तर प्रदेश

दिल्ली से सड़क मार्ग द्वारा यात्रा:

  • वृंदावन की दूरी दिल्ली से लगभग 160 किलोमीटर है।

  • यमुना एक्सप्रेसवे के जरिए आप 3 से 4 घंटे में वृंदावन पहुंच सकते हैं।

  • वृंदावन में प्रवेश करने के बाद स्थानीय ऑटो, ई-रिक्शा या टैक्सी द्वारा परिक्रमा मार्ग पर स्थित आश्रम तक पहुंचा जा सकता है।

रेल मार्ग द्वारा:

  • सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है मथुरा जंक्शन, जो वृंदावन से 12 किलोमीटर की दूरी पर है।

  • मथुरा से वृंदावन के लिए ऑटो और टैक्सियां आसानी से उपलब्ध रहती हैं।

बस सेवाएं:

  • दिल्ली, आगरा, जयपुर, लखनऊ जैसे शहरों से वृंदावन के लिए बसें आसानी से मिल जाती हैं।

  • बस स्टैंड से भी परिक्रमा मार्ग के लिए ई-रिक्शा या टेंपो मिल जाते हैं।

क्यों आएं गौरी गोपाल आश्रम?

  • यदि आप वृंदावन की यात्रा पर हैं और किसी ऐसे स्थान की तलाश कर रहे हैं जहां भक्ति, सेवा और शांति एक साथ मिलें – तो गौरी गोपाल आश्रम सबसे उपयुक्त स्थान है।

  • यहां बिना किसी शुल्क के रहने और खाने की व्यवस्था मिलती है।

  • धार्मिक प्रवचनों के साथ-साथ समाज सेवा और गौसेवा का अनुभव भी किया जा सकता है।

  • यह आश्रम केवल निवास का स्थान नहीं, एक आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र है जो हर आगंतुक को प्रभु प्रेम की अनुभूति कराता है।

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