शोभना शर्मा। जयपुर में गैस रिसाव की घटना ने एक बार फिर सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंगलवार दोपहर बाद विश्वकर्मा इलाके के रोड नंबर 18 स्थित गैस फिलिंग प्लांट से गैस रिसाव हुआ। इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और लोग दहशत में आ गए।
गैस रिसाव की घटना: क्या हुआ?
यह घटना जयपुर के विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक गैस फिलिंग प्लांट में हुई। इस प्लांट में टंकियों में कार्बन डाई ऑक्साइड गैस भरी जाती है।
रिसाव का प्रभाव: गैस का रिसाव इतना तेज था कि आसपास के इलाके में सफेद धुंध जैसी चादर फैल गई।
लोगों में दहशत: स्थानीय निवासियों और कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई। लोग तुरंत सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे।
- सुरक्षा टीमें मौके पर पहुंचीं: सूचना मिलते ही पुलिस, दमकल विभाग, सिविल डिफेंस की टीमें और एंबुलेंस तुरंत मौके पर पहुंच गईं।
सिविल डिफेंस की त्वरित कार्रवाई
घटना के बाद सिविल डिफेंस टीम ने प्लांट के वॉल्व को बंद किया, जिससे गैस का रिसाव रुका।
रिसाव रोकने की प्रक्रिया: वॉल्व बंद करने के बाद गैस का रिसाव रुक गया, लेकिन तब तक गैस आसपास के इलाके में फैल चुकी थी।
प्रभावित क्षेत्र: आस-पास खड़ी गाड़ियों और इमारतों पर गैस के प्रभाव साफ देखे गए।
टीमों की सतर्कता: दमकल विभाग, पुलिस, और एंबुलेंस की टीमें मौके पर तैनात रहीं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
पिछले हादसों से जुड़ी चिंताएं
जयपुर में गैस रिसाव की यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब हाल ही में गैस से जुड़े कई हादसे हुए हैं।
भांकरोटा गैस टैंकर हादसा: कुछ दिन पहले ही जयपुर-अजमेर हाईवे पर गैस टैंकर हादसे में 20 लोगों की मौत हो गई थी।
मिथेन गैस टैंकर पलटना: इसी क्षेत्र में मिथेन गैस से भरा एक टैंकर पलट गया था, जिससे इलाके में दहशत का माहौल बन गया था।
सुरक्षा मानकों पर सवाल
: इन घटनाओं ने प्रदेश में गैस टैंकरों और फिलिंग प्लांट्स की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन का कहना है कि घटनास्थल पर स्थिति अब नियंत्रण में है।
राहत कार्य: वॉल्व बंद करने और गैस रिसाव रोकने के बाद राहत कार्य तुरंत शुरू किया गया।
जांच के आदेश: प्रशासन ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं और संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है।
सुरक्षा मानकों की समीक्षा
: भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा उपायों को और कड़ा करने का निर्णय लिया गया है।
स्थानीय लोगों की चिंता
इस घटना ने स्थानीय निवासियों को चिंतित कर दिया है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव: लोगों को गैस के संपर्क में आने से सांस लेने में दिक्कत, जलन और सिरदर्द जैसी समस्याओं की शिकायतें हुईं।
भविष्य की सुरक्षा: लोगों ने मांग की है कि गैस फिलिंग प्लांट्स के सुरक्षा मानकों की नियमित जांच हो।
इलाके में दहशत: पिछली घटनाओं को देखते हुए स्थानीय लोग दहशत में हैं और ऐसे प्लांट्स को शहर से बाहर ले जाने की मांग कर रहे हैं।
गैस रिसाव: सुरक्षा मानकों की अनदेखी?
यह घटना उन खामियों को उजागर करती है, जो औद्योगिक सुरक्षा में अब भी मौजूद हैं।
सुरक्षा उपकरणों की कमी: कई गैस फिलिंग प्लांट्स में पुराने और अप्रभावी उपकरण इस्तेमाल किए जाते हैं।
प्रशिक्षण की कमी: कर्मचारियों को सुरक्षा के लिए उचित प्रशिक्षण नहीं दिया जाता।
आपात स्थिति से निपटने की तैयारी: आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए पर्याप्त योजनाएं नहीं होतीं।