मनीषा शर्मा। राजस्थान में गणगौर महोत्सव की धूम रही। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, भरतपुर, नागौर और सवाई माधोपुर सहित पूरे राज्य में गणगौर माता की शोभायात्राएं निकाली गईं। राजस्थानी लोक संस्कृतियों से सजी ये शोभायात्राएं राजसी ठाठ-बाट, बैंड-बाजों, लोक कलाकारों और भव्य झांकियों से सम्पन्न हुईं।
जयपुर में गणगौर की शाही सवारी: राजसी परंपरा का भव्य आयोजन
राजधानी जयपुर में गणगौर माता की शाही सवारी निकाली गई, जो त्रिपोलिया गेट से गुजरी। शोभायात्रा में हाथी, ऊंट और घोड़ों के लवाजमे के साथ राजसी भव्यता देखने को मिली।
जयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य पद्मनाभ सिंह ने गणगौर माता की पूजा-अर्चना की। इस दौरान ड्रोन से फूलों की वर्षा की गई, जिससे शोभायात्रा का नजारा और भी आकर्षक हो गया।
लोक कलाकारों ने कच्छी घोड़ी, गेर नृत्य और अन्य राजस्थानी लोक नृत्यों की प्रस्तुतियां दीं। बहरुपिया कलाकारों ने भी अपने स्वांग से पर्यटकों और श्रद्धालुओं को मोहित किया।
इस बार यात्रा के आयोजन के लिए तीन भव्य मंच बनाए गए थे। दो मंचों पर लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां हुईं, जबकि तीसरे मंच पर गणगौर माता की पूजा और पुष्प वर्षा का आयोजन किया गया।
डिजिटल प्रसारण:
200 एलईडी स्क्रीन पर गणगौर महोत्सव का सीधा प्रसारण किया गया।
राजस्थानी लोक संगीत और पुलिस बैंड की भी खास प्रस्तुति हुई।
विदेशी पर्यटकों के लिए विशेष बैठने की व्यवस्था की गई थी।
उदयपुर: पिछोला झील में गणगौर माता की नाव यात्रा
उदयपुर में गणगौर महोत्सव का नजारा बेहद खास रहा। गणगौर माता की शोभायात्रा पिछोला झील में नाव पर निकाली गई।
नावों पर लोक कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए।
गणगौर घाट पर बड़ी संख्या में देसी-विदेशी पर्यटक जुटे।
जल में गणगौर माता की विशेष पूजा और कसूंबा (जल अर्पण) किया गया।
जोधपुर: 2 किलो सोने के गहनों से सजी गणगौर की सवारी
जोधपुर में गणगौर माता की सवारी 2 किलो सोने के गहनों से सजाकर निकाली गई।
पेला मूंदड़ों की गली, राखी हाउस से शोभायात्रा प्रारंभ हुई।
शोभायात्रा में भगवान शिव की झांकी के साथ 30 झांकियां और चार बैंड शामिल रहे।
सोने-चांदी से जड़ी गणगौर माता की मूर्ति श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनी।
नागौर: पहली बार सभी गणगौर एक साथ बख्तासागर तालाब पहुंची
शाम 6:38 बजे अहिछत्रपुर गढ़ से शोभायात्रा निकाली गई।
इस वर्ष पहली बार सभी समाज-मोहल्लों की गणगौर एक साथ बख्तासागर तालाब पहुंची।
गाजे-बाजे के साथ महिलाओं ने पारंपरिक गीत गाते हुए शोभायात्रा निकाली।
भरतपुर: बैंड-बाजों के साथ निकली गणगौर शोभायात्रा
लक्ष्मण मंदिर चौराहे से शुरू हुई शोभायात्रा।
शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस तैनात की गई।
शोभायात्रा में 7 बैंड शामिल रहे।
सवाई माधोपुर: शाही ठाठ-बाट से निकली गणगौर की सवारी
चौथ का बरवाड़ा कस्बे में गणगौर की सवारी शाही परंपरा से निकाली गई।
सिक्स सेंस फोर्ट से शोभायात्रा शुरू हुई।
स्थानीय ग्राम पंचायत की ओर से भव्य आयोजन।
बड़ी संख्या में महिलाओं ने सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना की।
पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ी।
गणगौर महोत्सव में दिखी फिल्मी झलक: जयपुर में ‘पीके’ स्टाइल में कलाकार
शोभायात्रा के दौरान कलाकारों ने अलग-अलग स्वांग रचे।
एक कलाकार ‘पीके’ फिल्म में आमिर खान के किरदार के रूप में नजर आया।
बहरुपिया कलाकारों ने अपने अनोखे अंदाज से दर्शकों का मनोरंजन किया।
राजस्थान में गणगौर महोत्सव: सांस्कृतिक पहचान और आस्था का संगम
गणगौर महोत्सव राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक आस्था का प्रतीक है। यह पर्व गौरी माता (पार्वती) और भगवान शिव की पूजा के लिए मनाया जाता है।
विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए और
अविवाहित लड़कियां अच्छे वर की कामना के लिए इस उत्सव में भाग लेती हैं।
गणगौर महोत्सव न केवल धार्मिक बल्कि पर्यटन और संस्कृति का भी प्रमुख आयोजन बन चुका है। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और अन्य शहरों में इस दौरान हजारों देसी-विदेशी पर्यटक शामिल होते हैं।


