शोभना शर्मा। राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान और आस्था से जुड़े गणगौर महोत्सव 2025 को इस बार और भव्य रूप में मनाने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। पर्यटन विभाग के अनुसार, 31 मार्च और 1 अप्रैल को निकाली जाने वाली गणगौर शोभायात्रा में इस बार कई नए आकर्षण जोड़े गए हैं।
इस साल पहली बार ड्रोन के जरिए पुष्पवर्षा होगी, वहीं प्रदेशभर में 200 एलईडी स्क्रीन पर शोभायात्रा का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
गणगौर सवारी का कार्यक्रम और खास आकर्षण
पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि गणगौर की सवारी त्रिपोलिया गेट से शाम 5:45 बजे से निकाली जाएगी। इस बार शोभायात्रा में 250 लोक कलाकार हिस्सा लेंगे।
इस वर्ष पालकियों, ऊंटों, घोड़ों और हाथियों के लवाजमे की संख्या में 50% की बढ़ोतरी की गई है।
शोभायात्रा में शामिल होंगे ये प्रमुख आकर्षण:
3 अतिरिक्त हाथी
12 घोड़े (लांसर्स पंचरंगा झंडा लिए हुए)
6 सजे-धजे ऊंट
2 विक्टोरिया बग्गी
पंखी, अडानी और चढ़ी धारक समेत 24 लोगों का पारंपरिक दल
अरवाड़ा संप्रदाय के अनुयायी अपनी विशेष पारंपरिक प्रस्तुति देंगे
छोटी चौपड़ पर विशेष आयोजन
गणगौर माता की सवारी के स्वागत के लिए तीन भव्य मंच तैयार किए जाएंगे:
पहले दो मंचों पर लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां
तीसरे मंच पर गणगौर माता की पूजा और पुष्पवर्षा
पुलिस बैंड और घूमर नृत्य की विशेष प्रस्तुति
पर्यटकों और दर्शकों के लिए विशेष बैठने की व्यवस्था
पहली बार ड्रोन से पुष्पवर्षा और लाइव प्रसारण
गणगौर शोभायात्रा को और भव्य बनाने के लिए इस बार नई तकनीकों का भी उपयोग किया जा रहा है:
पहली बार ड्रोन के माध्यम से पुष्पवर्षा की जाएगी।
तालकटोरा में राजस्थानी लोक कलाकारों की विशेष प्रस्तुति होगी।
हिंद होटल टैरेस पर 500 पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था की गई है, जिसमें 200-300 विदेशी पर्यटकों के लिए अलग स्थान तय किया गया है।
सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रदेशभर में 200 LED स्क्रीन पर गणगौर महोत्सव का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
पर्यटन विभाग के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी लाइव स्ट्रीमिंग उपलब्ध होगी।
गणगौर महोत्सव को मिलेगा वैश्विक मंच
पर्यटन विभाग का मानना है कि गणगौर महोत्सव केवल आस्था और परंपरा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का माध्यम भी है।