शोभना शर्मा। रेल मंत्रालय रेलवे स्टेशनों को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करने की योजना पर तेजी से काम कर रहा है। इस योजना के तहत गांधीनगर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया जा रहा है, जहां ट्रेन संचालन रेलवे के पास रहेगा, लेकिन सभी व्यावसायिक (कॉमर्शियल) गतिविधियां एक ही निजी फर्म को सौंपी जाएंगी।
इससे रेलवे स्टेशनों को अधिक सुविधाजनक बनाया जाएगा और यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा।
रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की प्रमुख बातें:
एयरपोर्ट की तरह स्टेशन का संचालन होगा।
स्टेशन पर 75% पुनर्विकास कार्य पूरा।
मई तक ट्रैक के ऊपर बनेगा कॉनकोर हॉल।
खानपान, फन जोन, विज्ञापन, पार्किंग और सफाई का जिम्मा निजी फर्म को मिलेगा।
रेलवे बोर्ड ने नीति बनाने के निर्देश दिए, लेकिन अभी पॉलिसी तैयार नहीं हुई।
रेलवे स्टेशन पर कमर्शियल मॉडल को अपनाएगा रेलवे
रेलवे बोर्ड बड़े रेलवे स्टेशनों को भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की तर्ज पर विकसित करने की योजना बना रहा है।
क्या बदलेगा इस मॉडल में?
- रेलवे केवल ट्रेन संचालन और ट्रैक मैनेजमेंट का काम करेगा।
- कॉमर्शियल गतिविधियों की जिम्मेदारी पूरी तरह निजी फर्म के पास होगी।
- खानपान की यूनिट, विज्ञापन, पार्किंग, सफाई और अन्य सुविधाएं निजी हाथों में होंगी।
- फर्म स्टेशन का ऑपरेशन और मेंटेनेंस (O&M) भी देखेगी।
गांधीनगर स्टेशन का पुनर्विकास – 75% काम पूरा
गांधीनगर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास तेजी से किया जा रहा है। वर्तमान में 75% काम पूरा हो चुका है और बाकी कार्य मई के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।
ट्रैक के ऊपर कॉमर्शियल गतिविधियों के लिए कॉनकोर हॉल बन रहा है।
रेलवे स्टेशनों पर हर छोटे कियोस्क को अलग-अलग किराए पर देने के बजाय, एक ही फर्म को सभी कॉमर्शियल गतिविधियां सौंपने की योजना है।
स्टेशन को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
कौन संभालेगा गांधीनगर रेलवे स्टेशन की कॉमर्शियल गतिविधियां?
- रेल मंत्रालय ने दिल्ली के राजीव चौक मेट्रो स्टेशन को संभालने वाली PNP एसोसिएट्स को जयपुर बुलाया था।
- हालांकि, 10 अप्रैल तक यह तय होगा कि गांधीनगर रेलवे स्टेशन की व्यावसायिक गतिविधियों को कौन सी फर्म संभालेगी।
- क्या गांधीनगर स्टेशन पूरी तरह एयरपोर्ट मॉडल पर विकसित हो पाएगा?
इस पर फिलहाल संशय बना हुआ है, लेकिन रेलवे बोर्ड इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है।