शोभना शर्मा। राजस्थान के कोटा शहर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां नीट की तैयारी कर रहे एक कोचिंग छात्र से 8.5 लाख रुपए की ठगी की गई. यह ठगी उसके ही राज्य बिहार के दो युवकों द्वारा की गई, जिन्होंने नीट परीक्षा में अच्छे अंक दिलवाने का झांसा देकर यह राशि वसूली. पीड़ित छात्र की शिकायत पर कोटा के जवाहर नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
नीट में अच्छे नंबर दिलाने का झांसा देकर की ठगी
पीड़ित छात्र मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला है और कोटा में रहकर मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) की तैयारी कर रहा था. उसने पुलिस को बताया कि एग्जाम को लेकर वह काफी तनाव में था. इस दौरान उसके एक दोस्त राज शुक्ला ने उसकी मुलाकात बिहार के ही अमन और सत्यम नामक दो युवकों से करवाई. उन्होंने खुद को प्रभावशाली बताते हुए कहा कि वे नीट परीक्षा में अच्छे अंक दिलवा सकते हैं और कई छात्रों को पहले भी पास करवा चुके हैं.
ओएमआर शीट खाली छोड़ने का दिया निर्देश
अमन और सत्यम ने छात्र को विश्वास दिलाया कि उनकी परीक्षा प्रणाली में अच्छी पकड़ है. उन्होंने कहा कि परीक्षा में ओएमआर शीट खाली छोड़ देना, बाकी काम वे संभाल लेंगे. झूठे वादों और नकली विश्वास के आधार पर उन्होंने छात्र से धीरे-धीरे कुल 8.5 लाख रुपए ऐंठ लिए. छात्र का कहना है कि यह रकम उसकी बहन की शादी के लिए परिवार ने जोड़ी थी. जब परीक्षा का परिणाम आया और छात्र असफल रहा, तब उसने पूरे मामले की जानकारी अपने परिवार को दी. परिवार इस घटना से गहरे सदमे में है.
पैसे मांगने पर बदल गया रवैया, आरोपी फरार
जब छात्र ने अमन और सत्यम से पैसे वापस मांगे तो वे बहाने बनाने लगे और अंततः फरार हो गए. छात्र के अनुसार राज शुक्ला ने भी उससे 1 लाख रुपए लिए थे. जब इस बारे में शिकायत की गई तो पुलिस की मध्यस्थता में 80 हजार रुपए वापस कराए गए. राज शुक्ला ने ही अमन और सत्यम से मिलवाया था. इस पूरे मामले में पुलिस ने अमन और सत्यम के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया है और उनकी तलाश की जा रही है.
लग्जरी सामान की खरीद से हुआ शक
जवाहर नगर थानाधिकारी राम लक्ष्मण गुर्जर ने बताया कि आरोपियों ने ठगी की रकम से ब्रांडेड कपड़े, मोबाइल और अन्य लग्जरी आइटम्स खरीदे हैं. यह जानकारी तब सामने आई जब छात्र ने सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट देखी और उन्हें पहचान लिया. पुलिस को आशंका है कि यह ठगी केवल एक छात्र तक सीमित नहीं है, और भी कई छात्रों के साथ इसी तरह की वारदात हो सकती है.
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से मिले सुराग
पुलिस ने बताया कि कई बार रकम का लेन-देन ऑनलाइन माध्यम से भी हुआ है, जिससे कुछ ट्रांजेक्शन के डिजिटल सबूत प्राप्त हुए हैं. इसके आधार पर पुलिस साइबर सेल की मदद से आरोपियों की लोकेशन और अकाउंट डिटेल्स खंगाल रही है.
आरोपी जल्द होंगे गिरफ्तार: पुलिस
पुलिस का कहना है कि पीड़ित छात्र ने जो सबूत और जानकारी उपलब्ध कराई हैं, उनसे मामले में तेजी से प्रगति हो रही है. आरोपियों के मोबाइल नंबर, बैंक डिटेल और सोशल मीडिया प्रोफाइल्स को खंगाला जा रहा है. जल्दी ही दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की जाएगी. थानाधिकारी ने यह भी बताया कि इस मामले में अन्य छात्रों से भी संपर्क किया जा रहा है, जिससे पता चल सके कि यह एक संगठित ठगी गिरोह का हिस्सा तो नहीं है.