latest-newsदेशराजस्थान

प्रदूषण बोर्डों में खाली पदों पर राजस्थान समेत चार राज्यों को अवमानना नोटिस

प्रदूषण बोर्डों में खाली पदों पर राजस्थान समेत चार राज्यों को अवमानना नोटिस

शोभना शर्मा।   सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की राज्य सरकारों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में रिक्त पदों को नहीं भरने पर कड़ी फटकार लगाई है। जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने अगस्त 2024 में दिए गए अपने आदेश का पालन न करने को गंभीरता से लिया और चारों राज्यों के मुख्य सचिवों को अवमानना नोटिस जारी कर दिए हैं। अदालत ने पूछा है कि इन अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय की अवमानना अधिनियम, 1971 के तहत कार्रवाई क्यों न की जाए।

सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2024 के आदेश में राज्यों को यह स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि वे अपने-अपने प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में सभी रिक्त पदों को 30 अप्रैल 2025 तक भरें। लेकिन निर्धारित समयसीमा के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, जिससे अदालत ने इसे न्याय की अवहेलना माना।

अदालत ने विशेष रूप से दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) की ओर ध्यान आकर्षित किया, जहां लगभग 55% पद अब भी खाली हैं। न्यायालय ने इस स्थिति को “वस्तुतः निष्क्रिय” बताते हुए चिंता जताई। पीठ ने दिल्ली के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से 19 मई को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है, जबकि अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों को 18 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थिति दर्ज करवानी होगी।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का सख्त रवैया इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वायु प्रदूषण आज देश के सबसे बड़े पर्यावरणीय संकटों में से एक बन चुका है। अगर संबंधित संस्थान जैसे कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपने कार्यों को सही से न निभाएं, तो इसका सीधा असर नागरिकों के स्वास्थ्य और पर्यावरण संतुलन पर पड़ता है।

उधर, दूसरी ओर देश की सुरक्षा से जुड़ा एक और गंभीर मामला राजस्थान में सामने आया है। हाल ही में भारत द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान और पीओके में की गई मिसाइल स्ट्राइक्स के चलते पाकिस्तान की ओर से संभावित जवाबी हमले की आशंका जताई जा रही है। इसके मद्देनज़र राजस्थान को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

राजस्थान के चार जिले—बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर—जो पाकिस्तान सीमा से सटे हुए हैं, वहां विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इन जिलों में 12वीं तक के सभी स्कूलों और मदरसों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। धार्मिक स्थलों और प्रमुख अस्पतालों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने आवश्यक वस्तुओं और ईंधन की आपूर्ति को लेकर स्टॉक बढ़ाने के आदेश दिए हैं।

सिविल डिफेंस की टीमें संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल्स कर रही हैं, ताकि किसी भी अप्रत्याशित परिस्थिति से निपटने में कोई ढील न रह जाए। इन दोनों मामलों—प्रदूषण नियंत्रण और राष्ट्रीय सुरक्षा—में राज्य सरकारों की जिम्मेदारियों की गंभीर परीक्षा हो रही है।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading