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नेटफ्लिक्स सीरीज ‘द रॉयल्स’ पर विवाद: पूर्व राजपरिवारों ने जताई आपत्ति

नेटफ्लिक्स सीरीज ‘द रॉयल्स’ पर विवाद: पूर्व राजपरिवारों ने जताई आपत्ति

शोभना शर्मा।  नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई नई वेब सीरीज ‘द रॉयल्स’ को लेकर देशभर के पूर्व राजघरानों में आक्रोश देखा जा रहा है। यह सीरीज एक काल्पनिक शाही परिवार की कहानी पर आधारित है, लेकिन इसमें शाही परिवारों के सदस्यों के बीच मतभेद, भ्रष्टाचार और फिजूलखर्ची जैसी घटनाएं दर्शाए जाने पर पूर्व राजपरिवारों ने तीखी आपत्ति जताई है।

राजघरानों ने जताया विरोध, बताया अपमानजनक चित्रण

महाराष्ट्र, राजस्थान, गोवा और मध्य भारत के कई पूर्व राजपरिवारों ने एक स्वर में कहा कि यह सीरीज शाही परिवारों की छवि को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करती है। इन परिवारों का कहना है कि आज की शाही पीढ़ी न सिर्फ सफल उद्यमी हैं, बल्कि संस्कृति और विरासत के संवाहक भी हैं।

संदूर की पूर्व महारानी यशोधरा घोरपड़े ने NDTV से बात करते हुए कहा, “हम स्कूल, अस्पताल, संग्रहालय और सामाजिक संस्थाएं चला रहे हैं। मैं खुद वर्षों से एक स्कूल का संचालन कर रही हूं। इस सीरीज में दिखाया गया जीवन हमारी वास्तविकता से बिलकुल विपरीत है।”

जयपुर में हुई शूटिंग, शाही विरासत पर गहराया विवाद

‘द रॉयल्स’ वेब सीरीज में मोरपुर नामक एक काल्पनिक शाही परिवार की कहानी दिखाई गई है, जो आर्थिक संकट से जूझ रहा है और अपने महल को एक होटल में तब्दील करने की योजना बनाता है। इस सीरीज की शूटिंग जयपुर में भी हुई है, जिससे राजस्थान के शाही परिवारों में विशेष असंतोष देखा गया।

राधिका राजे गायकवाड़ ने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, “स्वतंत्रता के बाद से ही शाही परिवारों के खिलाफ एक सोची-समझी राजनीति चली है। अब वेब सीरीज के माध्यम से भी वही झूठ फैलाया जा रहा है – शराब में डूबे राजा और मोतियों में लिपटी रानियां।”

महाराष्ट्र के फलटन राजघराने और गोवा की प्रतिक्रिया

फलटन राजघराने, जो छत्रपति शिवाजी महाराज की पत्नी साईं बाई के वंशज हैं, ने राधिका गायकवाड़ के विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि “यह प्रचार एक ग़लत सामाजिक धारणा बनाता है, जो आज के रॉयल्स के कार्यों को दरकिनार करता है।”

वहीं, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप सिंह राणे की पत्नी विजयादेवी राणे ने कहा, “हर कोई भ्रष्ट नहीं था। हमारे पूर्वजों ने स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों की नींव रखी। मेरे पति और बेटा दोनों राजनीति में सक्रिय हैं। यह सीरीज पूरी तरह भ्रामक और तुच्छ है।”

कुछ पूर्वज कह रहे हैं – यह पूरी तरह काल्पनिक है, इतना सीरियस न लें

हालांकि, पूर्व राजघरानों में मतों की विविधता भी देखने को मिली है। कुछ सदस्यों का मानना है कि चूंकि यह सीरीज काल्पनिक है, इसे ज़रूरत से ज़्यादा गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। लेकिन उनका यह भी कहना है कि पब्लिक प्लेटफॉर्म पर दिखाए जाने वाले कंटेंट का असर आम धारणा पर पड़ता है, और इसलिए संवेदनशीलता बरतनी ज़रूरी है।

हॉटस्टार की वेब सीरीज ‘कुल’ पर भी विवाद

नेटफ्लिक्स की सीरीज के साथ ही, डिज्नी+ हॉटस्टार पर आई एक अन्य वेब सीरीज ‘कुल’ पर भी कुछ पूर्व राजपरिवारों ने आपत्ति जताई है। उनका मानना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स राजघरानों को मनोरंजन के साधन के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि उनकी ऐतिहासिक भूमिका और सामाजिक योगदान को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।

क्यों उठता है शाही छवि का सवाल?

भारत में राजतंत्र की समाप्ति के बावजूद कई शाही परिवार आज भी सामाजिक कार्यों, शिक्षा, पर्यटन, और कला-संस्कृति के क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं। ऐसे में जब वेब सीरीज में इन्हें नकारात्मक या हास्यास्पद रूप में दिखाया जाता है, तो यह न सिर्फ उनकी सामाजिक छवि को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि आम दर्शकों में गलत छवि भी गढ़ता है।

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