मनीषा शर्मा। राजस्थान की राजनीति और विशेषकर आदिवासी समाज ने एक बड़े नेता को खो दिया है। राज्य के वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा का शनिवार को अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे और पिछले कई दिनों से ICU में भर्ती थे।
राजनीतिक जीवन
नंदलाल मीणा का राजनीतिक जीवन चार दशकों से अधिक का रहा। वे राजस्थान सरकार में चार बार मंत्री पद संभाल चुके थे और चार बार लोकसभा सदस्य के रूप में राज्य का प्रतिनिधित्व भी किया। आदिवासी समाज के हितों और अधिकारों के लिए उनकी आवाज हमेशा बुलंद रही। उन्होंने सदन के भीतर और बाहर दोनों ही जगह आदिवासी समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए लगातार काम किया।
परिवार और राजनीतिक विरासत
वर्तमान में राजस्थान सरकार के राजस्व मंत्री हेमंत मीणा उनके पुत्र हैं। पिता की राजनीतिक यात्रा और समाजसेवा की राह पर हेमंत मीणा भी आगे बढ़ रहे हैं। नंदलाल मीणा ने अपने जीवन में जिस समर्पण और संघर्ष का परिचय दिया, वही अब उनके परिवार और समर्थकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
समाज के लिए योगदान
नंदलाल मीणा को जमीन से जुड़ा हुआ नेता माना जाता था। उन्होंने गांव और ढाणी स्तर पर विकास को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की। शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में आदिवासी युवाओं को आगे बढ़ाने के उनके प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने न केवल आदिवासी समाज बल्कि पूरे प्रदेश की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई।
नेताओं की श्रद्धांजलि
उनके निधन की खबर से पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्हें एक संघर्षशील, ईमानदार और समाज के सच्चे प्रहरी के रूप में याद किया गया। कई नेताओं ने कहा कि नंदलाल मीणा का निधन राजस्थान की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है।
अंतिम संस्कार
सूत्रों के अनुसार, नंदलाल मीणा का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया जाएगा। परिवार, समर्थक और स्थानीय लोग उन्हें अंतिम विदाई देंगे। अंतिम संस्कार में प्रदेश के कई बड़े नेताओं और आदिवासी समाज से जुड़े कार्यकर्ताओं के शामिल होने की संभावना है।


