मनीषा शर्मा। Ford Motor भारतीय बाजार में एक बार फिर से वापसी करने की योजना बना रही है। 2021 में घरेलू उत्पादन और बिक्री को बंद करने के बाद कंपनी ने अब फिर से तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का उपयोग करने का फैसला किया है। यह प्लांट विशेष रूप से निर्यात उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाएगा। हाल ही में तमिलनाडु सरकार और Ford के बीच इस नई योजना को लेकर बातचीत हुई, जिसमें कंपनी ने तमिलनाडु सरकार को लेटर ऑफ इंटेंट (LOI) जारी किया।
Ford के इंटरनेशनल मार्केट ग्रुप के अध्यक्ष के हार्ट ने इस बात पर जोर दिया कि कंपनी भारत को एक महत्वपूर्ण बाजार के रूप में देखती है। उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य वैश्विक निर्यात के लिए कंपनी की ‘फोर्ड+ विकास योजना’ को मजबूत करना है। Ford अब भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता का उपयोग करने की योजना बना रही है ताकि वह अन्य बाजारों की सेवा कर सके।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन हाल ही में अमेरिका दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने Ford के टॉप लीडर्स के साथ मुलाकात की। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच तमिलनाडु में फिर से विनिर्माण कार्य शुरू करने को लेकर सकारात्मक बातचीत हुई। मुख्यमंत्री ने कंपनी से अपना कार्यभार पुनः शुरू करने की अपील की थी।
वर्तमान में Ford के तमिलनाडु प्लांट में करीब 12,000 लोग कार्यरत हैं, और कंपनी की योजना है कि अगले कुछ वर्षों में यह संख्या 2,500 से 3,000 तक बढ़ाई जाए। तमिलनाडु सरकार ने इसे राज्य के औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया है।
Ford की इस नई रणनीतिक योजना से यह स्पष्ट होता है कि कंपनी भारत को अपने वैश्विक बाजारों के लिए महत्वपूर्ण हब के रूप में देखती है। कंपनी ने यह भी कहा है कि चेन्नई प्लांट का उपयोग किस प्रकार और किन उत्पादों के लिए किया जाएगा, इसके बारे में अधिक जानकारी उचित समय पर साझा की जाएगी। Ford की यह घोषणा तमिलनाडु में निवेश को बढ़ावा देने के प्रयासों का हिस्सा है, और राज्य सरकार भी अपने निवेशक संबंधों को सुधारने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रही है।