मनीषा शर्मा। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। राइजिंग राजस्थान अभियान के तहत यहां फ्लाइंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने की तैयारी शुरू हो चुकी है। भजनलाल सरकार द्वारा किए गए एमओयू के तहत बांसवाड़ा के तलवाड़ा गांव में इस ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इस पहल से युवाओं को पायलट बनने का अवसर मिलेगा और क्षेत्र में रोजगार के नए दरवाजे खुलेंगे।
तलवाड़ा गांव में होगा फ्लाइंग सेंटर का निर्माण
फ्लाइंग ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना के लिए तलवाड़ा गांव में स्थित हवाई पट्टी को चुना गया है। इस परियोजना के तहत दिल्ली की अव्यना एविएशन कंपनी की टीम ने हवाई पट्टी का सर्वे शुरू कर दिया है। टीम ने हवाई पट्टी पर पांच एयरक्राफ्ट की एक साथ लैंडिंग और टेकऑफ के लिए उपयुक्त स्थान की जांच की। इसके साथ ही पट्टी की लंबाई, चौड़ाई, और हैंगर के लिए आवश्यक स्थान का भी सर्वे किया गया।
दिल्ली से आई टीम ने शुरू किया सर्वे
दिल्ली से आई एविएशन टीम ने पहले बांसवाड़ा प्रशासन से मुलाकात की। टीम ने अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट करते हुए बताया कि ट्रेनिंग सेंटर के लिए किन-किन सुविधाओं की आवश्यकता होगी। इसके बाद टीम ने तलवाड़ा में सर्वे शुरू किया। टीम ने तकनीकी पहलुओं के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर की संभावनाओं का भी आकलन किया। इस सर्वे रिपोर्ट को तैयार कर राज्य सरकार को सौंपा जाएगा, जिसके बाद आगे की कार्रवाई प्रारंभ होगी।
स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर
फ्लाइंग ट्रेनिंग सेंटर न केवल पायलट बनने के इच्छुक युवाओं को ट्रेनिंग देगा, बल्कि क्षेत्र में रोजगार के अनेक अवसर भी लाएगा। जिला कलेक्टर इंद्रजीत यादव ने बताया कि तलवाड़ा हवाई पट्टी पर ट्रेनिंग सेंटर के लिए एमओयू साइन किया गया है। स्थानीय स्तर पर इस परियोजना से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। हैंगर निर्माण, टेक्निकल स्टाफ की भर्ती, और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर गतिविधियों के जरिए लोगों को रोजगार मिलेगा।
राइजिंग राजस्थान अभियान का अहम हिस्सा
फ्लाइंग ट्रेनिंग सेंटर, राइजिंग राजस्थान अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य प्रदेश में औद्योगिक और रोजगारपरक विकास को बढ़ावा देना है। बांसवाड़ा जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्र में इस प्रकार की पहल से आर्थिक और सामाजिक विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी।
पायलट ट्रेनिंग का सुनहरा मौका
इस ट्रेनिंग सेंटर में बांसवाड़ा और आसपास के युवाओं को पायलट बनने का प्रशिक्षण मिलेगा। यह केंद्र, फ्लाइंग लाइसेंस प्रदान करने और विमान संचालन की तकनीकी जानकारी देने में मदद करेगा। पायलट ट्रेनिंग के लिए जो सुविधा अब तक महानगरों में उपलब्ध थी, वह अब बांसवाड़ा जैसे छोटे शहर में भी मिल सकेगी।