शोभना शर्मा, अजमेर। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय का 11वां दीक्षांत समारोह 15 जून को राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। समारोह में शोधार्थियों को विद्या वाचस्पति और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को गोल्ड मैडल प्रदान किए गए। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने दीक्षांत उद्बोधन दिया, जबकि उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा और जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के लिए नव जीवन में प्रवेश का उत्सव है। शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य पद या नौकरी प्राप्त करना नहीं, बल्कि रूढ़ियों से मुक्त होकर राष्ट्र और समाज के विकास में योगदान देना है। उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने समाज को रूढ़ियों से मुक्त करने और वेदों का व्यावहारिक भाष्य करने का महत्वपूर्ण कार्य किया था।
मिश्र ने नई शिक्षा नीति की तारीफ करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से विद्यार्थी केंद्रित है और प्राचीन भारतीय ज्ञान के आलोक में ऐसे पाठ्यक्रमों के निर्माण पर जोर देती है जिससे विद्यार्थी हमारी संस्कृति से जुड़कर आधुनिक विकास की ओर अग्रसर हो सकें। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में कौशल विकास और रोजगारोन्मुखी नवाचारों पर विशेष जोर दिया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 अंतर अनुशासकीय, बहु विषयक, बहुभाषी एवं बहुआयामी दृष्टिकोण को अपनाते हुए भारतीय मूल्यों और संवेदनाओं को विकसित करने पर जोर देती है। उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने स्वामी विवेकानंद के विचारों का हवाला देते हुए कहा कि शिक्षा मनुष्य को आदर्श और असीम विकास की ओर ले जाने की प्रक्रिया है।
जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि अजमेर शिक्षा नगरी के रूप में विख्यात रहा है और अब इसे पुनः शिक्षा का गौरव दिलाने के लिए सभी मिलकर कार्य करेंगे। समारोह में संविधान पार्क का शुभारंभ भी किया गया। कुलपति अनिल कुमार शुक्ला ने आभार व्यक्त किया। समारोह में विधायक, संभागीय आयुक्त, पुलिस अधीक्षक और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।