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अंता सीट पर जल्द उपचुनाव, निर्वाचन विभाग ने जारी की फाइनल वोटर लिस्ट

अंता सीट पर जल्द उपचुनाव, निर्वाचन विभाग ने जारी की फाइनल वोटर लिस्ट

मनीषा शर्मा।  राजस्थान की राजनीति में अहम मानी जाने वाली अंता विधानसभा सीट पर इस महीने चुनाव आयोग उपचुनाव की घोषणा कर सकता है। इससे पहले निर्वाचन विभाग ने चुनावी प्रक्रिया की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दी है। निर्वाचन विभाग ने 1 जुलाई को आधार मानकर वोटर लिस्ट अपडेट अभियान चलाया था, जिसके बाद एक अक्टूबर को फाइनल लिस्ट प्रकाशित की गई।

यह उपचुनाव इसलिए जरूरी हुआ क्योंकि बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा को 19 साल पुराने एक आपराधिक मामले में सजा सुनाई गई थी। एसडीएम पर बंदूक तानने के मामले में दोषी पाए जाने के बाद उनकी विधायकी 1 मई से रद्द हो गई थी। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सीट को रिक्त घोषित कर दिया। चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार अब नवंबर तक उपचुनाव कराना अनिवार्य है।

अंता में मतदाताओं की संख्या 2.27 लाख पार

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने जानकारी दी कि वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट प्रकाशित होने के समय अंता विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,26,227 मतदाता दर्ज थे। इनमें 1,15,982 पुरुष, 1,10,241 महिलाएं और 4 अन्य मतदाता शामिल थे। पुनरीक्षण अभियान के दौरान कुल 1136 नए मतदाता जुड़े। इसके बाद अंतिम वोटर लिस्ट में अंता विधानसभा क्षेत्र के कुल मतदाता बढ़कर 2,27,563 हो गए हैं। इनमें 1,16,405 पुरुष, 1,11,154 महिलाएं और 4 अन्य शामिल हैं। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि उपचुनाव में महिला और पुरुष मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर है, जिससे मुकाबला और भी रोचक हो सकता है।

कंवरलाल मीणा की दया याचिका

बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व विधायक कंवरलाल मीणा ने अपनी सजा के खिलाफ राज्यपाल के पास दया याचिका दायर की हुई है। यदि राज्यपाल उनकी सजा माफ कर देते हैं या कम कर देते हैं, तो कानूनी रूप से उनकी सदस्यता बहाल हो सकती है। हालांकि, यह प्रक्रिया आसान नहीं है और इसमें कई संवैधानिक पेच हैं। इस कारण उपचुनाव का आयोजन लगभग तय माना जा रहा है।

सियासी समीकरण और संभावित उम्मीदवार

अंता सीट का उपचुनाव न सिर्फ स्थानीय राजनीति बल्कि प्रदेश की राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण होगा। यह सीट इस समय सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए प्रेस्टिज बैटल बन चुकी है। 2023 विधानसभा चुनाव में कंवरलाल मीणा ने कांग्रेस सरकार के वरिष्ठ मंत्री प्रमोद जैन भाया को हराकर यह सीट जीती थी। कंवरलाल मीणा वसुंधरा राजे के नजदीकी माने जाते हैं और उनकी जीत ने बीजेपी को मजबूत संदेश दिया था। इस बार अंता उपचुनाव में कांग्रेस फिर से प्रमोद जैन भाया पर दांव लगा सकती है। वहीं बीजेपी कंवरलाल मीणा के परिवार के किसी सदस्य को टिकट दे सकती है। इसके अलावा नरेश मीणा के भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की चर्चाएं हैं।

उपचुनाव का राजनीतिक महत्व

अंता उपचुनाव का नतीजा प्रदेश सरकार और विपक्ष दोनों के लिए बेहद अहम होगा।

  • सरकार के लिए: यह उपचुनाव जनता के बीच सरकार के कामकाज पर जनमत संग्रह की तरह होगा।

  • बीजेपी के लिए: यह सीट वसुंधरा राजे गुट की साख से जुड़ी है। यहां हार या जीत भविष्य की सियासी दिशा तय कर सकती है।

  • कांग्रेस के लिए: प्रमोद जैन भाया जैसे बड़े चेहरे को दोबारा जीत दिलाना पार्टी के मनोबल और आगामी चुनावी रणनीति के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा।

अंता विधानसभा सीट का उपचुनाव आने वाले महीनों में राजस्थान की राजनीति का केंद्र बिंदु बनने वाला है। फाइनल वोटर लिस्ट के जारी होने के साथ ही अब चुनावी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। बीजेपी, कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशियों के बीच त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना है। यह उपचुनाव न सिर्फ स्थानीय मुद्दों पर बल्कि प्रदेश सरकार की छवि और विपक्ष की ताकत का भी परीक्षण करेगा।

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