शोभना शर्मा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत 2 अक्टूबर से 5 दिवसीय राजस्थान प्रवास पर रहेंगे। इस प्रवास के दौरान वह संघ के कार्यों की समीक्षा करेंगे और आगामी शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों को लेकर विभिन्न बैठकों का आयोजन करेंगे।
भागवत 2 अक्टूबर की शाम को कोटा पहुंचेंगे और 6 अक्टूबर तक बारां में रुकेंगे। इस दौरान वे संघ के प्रांत प्रचारकों और अन्य पदाधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा करेंगे। यह बैठकें खासतौर पर राजस्थान और चित्तौड़ प्रांत के संघ पदाधिकारियों के साथ होंगी।
शताब्दी वर्ष की तैयारियों पर मंथन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष 2025 में मनाया जाएगा। संघ की स्थापना अप्रैल 1925 में हुई थी, और 2025 में इसकी 100वीं वर्षगांठ पूरी होगी। भागवत का यह प्रवास संघ के शताब्दी वर्ष की तैयारियों के संदर्भ में हो रहा है। संघ ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर कई कार्यक्रमों और योजनाओं का खाका तैयार किया है, जिन्हें साकार करने के लिए यह बैठकें की जा रही हैं।
डॉ. मोहन भागवत संघ के कामकाज की समीक्षा के साथ-साथ संगठन के विस्तार और गतिविधियों पर भी चर्चा करेंगे। शताब्दी वर्ष के लिए संघ ने अपने कार्यों को बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसके तहत समाज में अधिक प्रभावशाली भूमिका निभाने पर जोर दिया जाएगा।
सुरक्षा और इंतजाम
डॉ. मोहन भागवत के इस प्रवास को लेकर सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त रखी गई है। उनके ठहरने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं, और इन बैठकों में भाग लेने वाले पदाधिकारियों के ठहरने और अन्य सुविधाओं के भी व्यापक प्रबंध किए गए हैं।
संघ के पदाधिकारी और स्वयंसेवक भागवत के साथ बैठकों में भाग लेने के लिए विभिन्न जिलों से आएंगे। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस प्रशासन ने भी आवश्यक कदम उठाए हैं।