शोभना शर्मा। सीकर ज़िले स्थित खाटूश्यामजी मंदिर, जो देशभर में आस्था और श्रद्धा का प्रमुख केंद्र है, वहां आने वाले भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना जारी की गई है। मंदिर प्रशासन ने ऐलान किया है कि सोमवार 25 अगस्त की रात 10 बजे से लेकर मंगलवार 26 अगस्त की शाम 5 बजे तक बाबा श्याम के पट आम भक्तों के लिए बंद रहेंगे। इस दौरान कोई भी श्रद्धालु बाबा के दर्शन नहीं कर सकेगा।
क्यों रहेंगे दर्शन बंद?
मंदिर प्रशासन के अनुसार, हर महीने शाही स्नान के बाद बाबा श्याम का विशेष तिलक श्रृंगार किया जाता है। इसी परंपरा के तहत इस बार जन्माष्टमी के अवसर पर हुए शाही स्नान के बाद अब 26 अगस्त को तिलक श्रृंगार किया जाएगा। इस प्रक्रिया के कारण मंदिर परिसर को पहले पूरी तरह से साफ किया जाएगा और फिर पवित्र जल से धुलाई होगी। इसके बाद विशेष प्रकार के चंदन से बाबा श्याम का तिलक कर श्रृंगार संपन्न किया जाएगा। वरिष्ठ ट्रस्टी और पूर्व अध्यक्ष मोहनदास सिंह चौहान ने बताया कि तिलक श्रृंगार की यह परंपरा शाही स्नान के बाद से शुरू होती है और यह अगले शाही स्नान तक कायम रहती है। इसका विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि भक्त एक अलग रूप में बाबा श्याम के दर्शन कर पाते हैं।
विशेष तिलक श्रृंगार का महत्व
हिंदू सनातन धर्म में खाटूश्यामजी के तिलक श्रृंगार का विशेष स्थान है। शाही स्नान के बाद बाबा श्याम कृष्णमय स्वरूप में दर्शन देते हैं, जबकि तिलक श्रृंगार के बाद भक्तों को उनका विष्णु स्वरूप देखने का अवसर मिलता है। भक्तों के लिए यह आध्यात्मिक अनुभव अनोखा और दिव्य होता है। तिलक श्रृंगार केवल विशेष चंदन से किया जाता है और पूरे महीने तक वही बना रहता है। इस दौरान केवल वस्त्र और फूल बदले जाते हैं। इसलिए भक्तों के लिए यह श्रृंगार अत्यंत पवित्र और दुर्लभ माना जाता है।
19 घंटे का इंतजार करना होगा
इस विशेष अनुष्ठान के चलते भक्तों को करीब 19 घंटे तक बाबा श्याम के दर्शन नहीं हो पाएंगे। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस अवधि में दर्शन के लिए मंदिर न पहुंचें और तय समय के बाद ही दर्शन की योजना बनाएं। मंगलवार 26 अगस्त की शाम 5 बजे से एक बार फिर से बाबा के पट खोल दिए जाएंगे और भक्त नए तिलक श्रृंगार में बाबा के दर्शन कर सकेंगे।
भक्तों के लिए आवश्यक सूचना
खाटूश्यामजी मंदिर हर साल लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र बनता है। विशेष अवसरों पर यहां देश-विदेश से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसलिए मंदिर प्रशासन समय-समय पर ऐसे आदेश जारी करता है ताकि व्यवस्था बनाए रखी जा सके और बाबा श्याम के श्रृंगार एवं अनुष्ठान बिना किसी व्यवधान के संपन्न हो सकें। भक्तों से अनुरोध किया गया है कि वे इस आदेश का पालन करें और अपनी यात्रा की योजना उसी के अनुसार बनाएं। इससे न केवल मंदिर में भीड़ प्रबंधन आसान होगा बल्कि श्रद्धालु भी अनावश्यक परेशानियों से बच सकेंगे।