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डोटासरा का बयान: पायलट होंगे राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री?

डोटासरा का बयान: पायलट होंगे राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री?

मनीषा शर्मा। राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बुधवार को टोंक में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मीडिया के तमाम सवालों का जवाब दिया और राज्य की मौजूदा भजनलाल सरकार पर जमकर निशाना साधा।

सबसे बड़ा सवाल सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाओं पर पूछा गया। सचिन पायलट का जन्मदिन हाल ही में मनाया गया, जिसके दौरान सोशल मीडिया और कई राजनीतिक हलकों में उनकी अगली मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं। जब डोटासरा से सीधे यह सवाल पूछा गया कि क्या पायलट राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री होंगे, तो उन्होंने साफ कहा –
“धन्यवाद! यह काम आलाकमान करते हैं, मैं नहीं।”

डोटासरा ने यह भी माना कि मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर सभी को इंतजार है, लेकिन यह निर्णय कब और किस तरह होगा, इसका फैसला केवल कांग्रेस आलाकमान ही करेगा।

भजनलाल सरकार पर हमला

डोटासरा ने भजनलाल शर्मा सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात हैं, कई जिलों में भारी बारिश से किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं, गरीबों के मकान ढह गए और लोगों की जानें तक गईं। लेकिन सरकार ने न तो किसानों को राहत दी और न ही प्रभावित परिवारों को किसी तरह की मदद पहुंचाई। उन्होंने आरोप लगाया कि सिर्फ हेलिकॉप्टर से कुछ मंत्रियों को हवाई दौरे पर भेजकर इतिश्री कर दी गई।

मगरमच्छ विवाद और सीएम का बयान

हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि डोटासरा जी पूछते हैं मगरमच्छ कब पकड़े जाएंगे, तो उन्हें बता दूं कि जांच जारी है और बड़े मगरमच्छ भी पकड़े जाएंगे। इस पर डोटासरा ने पलटवार करते हुए कहा –
“कब पकड़े जाएंगे? पर्ची बदल जाएगी उसके बाद पकड़ोगे क्या बड़े मगरमच्छ?”

उनका इशारा स्पष्ट तौर पर सरकार की कार्यप्रणाली और विपक्ष के नेताओं पर की जा रही कार्रवाई की ओर था।

विधानसभा अध्यक्ष पर आरोप

डोटासरा ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है। नेता प्रतिपक्ष को धमका कर बैठा दिया जाता है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए अलग-अलग नियम लागू किए जा रहे हैं। डोटासरा का आरोप था कि विधानसभा अध्यक्ष एकतरफा होकर काम कर रहे हैं और लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं।

पंचायत और निकाय चुनाव का मुद्दा

डोटासरा ने पंचायत और निकाय चुनावों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि 5 साल में चुनाव करवाना संवैधानिक प्रावधान है, लेकिन मौजूदा सरकार चुनाव कराने से बच रही है। जनता इस सरकार से नाराज है और उन्हें असली मंत्री या मुख्यमंत्री मानने को तैयार नहीं है।

पायलट और गहलोत की खींचतान का जिक्र

गौरतलब है कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सत्ता संघर्ष ने राजस्थान की राजनीति को हिला कर रख दिया था। 2020 में पायलट ने बगावत कर दी थी और इसके बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। हालांकि, समय-समय पर पायलट को लेकर यह चर्चा चलती रही कि वे भविष्य में मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं।

अब जब कांग्रेस नेतृत्व राजस्थान में संगठन और रणनीति को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है, तो पायलट समर्थक फिर से उनके मुख्यमंत्री बनने की मांग उठा रहे हैं। लेकिन डोटासरा के बयान से साफ हो गया कि पार्टी नेतृत्व इस मामले पर कोई स्पष्ट संकेत देने के मूड में नहीं है और अंतिम फैसला कांग्रेस आलाकमान के हाथ में ही रहेगा।

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