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डोटासरा का CM पर हमला: मंत्री रो रहे, दरवाजे बंद; ईआरसीपी और यमुना जल पर बड़ा आरोप

डोटासरा का CM पर हमला: मंत्री रो रहे, दरवाजे बंद; ईआरसीपी और यमुना जल पर बड़ा आरोप

मनीषा शर्मा। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान राज्य सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राज्य में मंत्रियों की सुनवाई नहीं हो रही है और स्वयं मंत्री ही अपनी बात रखने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं। डोटासरा ने कहा कि वे मुख्यमंत्री से हाथ जोड़कर निवेदन करते हैं कि कम-से-कम अपने मंत्रियों की सुनवाई करें, क्योंकि वे आजकल ‘रो रहे हैं’।

डोटासरा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के विशेष सहायक सुधांश पंत इस तरह नियुक्त किए गए हैं कि वे मंत्रियों की सुनते तक नहीं। विधानसभावार जनसुनवाई और विभागीय बैठकों में मंत्रियों का प्रभाव कम होता जा रहा है, जिससे सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहे हैं।

मंत्रियों के बंगलों के दरवाजे खुले नहीं मिलते

डोटासरा ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि कई मंत्री दावा करते हैं कि उनके घरों के दरवाजे जनता के लिए 24 घंटे खुले रहते हैं, लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल उलट है।
उन्होंने कहा कि यदि कोई सिविल लाइंस के सरकारी बंगलों में जाकर देख ले, तो शायद किसी भी मंत्री का दरवाजा खुले हुए न मिले। मंत्री चुपचाप गाड़ी में निकलते हैं और उतनी ही चुपचाप लौट आते हैं। इसका असर यह है कि ना कार्यकर्ता उनकी सुनवाई तक पहुंच पा रहे हैं और ना ही आम जनता अपनी समस्या रख पा रही है।

ईआरसीपी और यमुना जल पर बड़ा हमला

गोविंद सिंह डोटासरा ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) और शेखावाटी के लिए यमुना जल उपलब्ध कराने को लेकर भी सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने में पूरी तरह विफल रही है। संसद में जब सवाल उठा तो केंद्र सरकार ने साफ तौर पर कहा कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिया जा रहा है।

यमुना जल परियोजना को लेकर डोटासरा ने कहा कि सरकार ‘भागीरथ’ बनकर फोटो खिंचवा रही है, जबकि दो साल बीतने के बाद भी परियोजना की डीपीआर तक तैयार नहीं हो सकी। बजट नहीं है और प्रगति शून्य है, इसलिए जनता को गुमराह किया जा रहा है।

मंत्री दिन में तीन बार बदल देते हैं बयान

डोटासरा ने आरोप लगाया कि सरकार के मंत्री खुद अपनी बात पर टिकते नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि मंत्री महीने या सप्ताह में नहीं, बल्कि दिन में तीन-तीन बार अपने बयान बदल देते हैं। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के बारे में तो उन्होंने कहा कि वे पांच मिनट में भी अपने बयान से पलट जाते हैं। इससे सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

जनता आज चुनाव हो तो सूपड़ा साफ कर देगी

अंता उपचुनाव में बीजेपी की हार का जिक्र करते हुए डोटासरा ने कहा कि जनता ने सरकार को स्पष्ट संदेश दे दिया है।
उन्होंने दावा किया कि यदि आज किसी भी प्रकार का चुनाव हो—चाहे निकाय, पंचायत या विधानसभा—जनता सरकार को पूरी तरह सूपड़ा साफ कर देगी, क्योंकि सरकार ने जनता को सिर्फ निराश किया है।

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