मनीषा शर्मा । राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने महाकुंभ में मची भगदड़ के लिए सरकारी अव्यवस्थाओं और बीजेपी नेताओं की सेल्फी व रील बनाने की प्रवृत्ति को जिम्मेदार ठहराते हुए तीखा हमला बोला। जयपुर में कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान डोटासरा ने कहा कि आज के डिजिटल युग में भी बीजेपी के नेता कुंभ में रील बनाने के लिए जा रहे हैं, जिससे वहां अव्यवस्था फैल रही है और लोगों की मौतें हो रही हैं।
सरकार की जिम्मेदारी बनती है व्यवस्था करना
डोटासरा ने कहा कि महाकुंभ हम सबके लिए गर्व का विषय है, लेकिन वहां व्यवस्था करना सरकार की जिम्मेदारी होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री, मंत्री और अन्य बड़े नेता बार-बार कुंभ में जाकर वीआईपी प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं और रील्स बना रहे हैं, जिससे आम श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है।
उन्होंने शंकराचार्य जी का हवाला देते हुए कहा कि महाकुंभ हमारी धार्मिक आस्था का केंद्र है, लेकिन सरकारी लापरवाही और वीआईपी कल्चर के कारण वहां भगदड़ मच गई और सैकड़ों लोगों की मौत हो गई।
बीजेपी नेताओं पर तंज: ‘राठौड़ को बीजेपी फोबिया की बात नहीं करनी चाहिए’
डोटासरा ने बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ के बयान का भी जवाब दिया, जिसमें राठौड़ ने कहा था कि डोटासरा को सपने में भी बीजेपी दिखती है और उन्हें बीजेपी फोबिया हो गया है। इस पर पलटवार करते हुए डोटासरा ने कहा कि राठौड़ को भी सपने में यही आता होगा, क्योंकि बीजेपी ने उनके साथ क्या किया, यह सभी जानते हैं।
डोटासरा ने राठौड़ के राजनीतिक सफर का जिक्र करते हुए कहा कि वे जनता दल से बीजेपी में आए थे, भैरोंसिंह शेखावत उन्हें लेकर आए थे और वसुंधरा राजे ने उन्हें आगे बढ़ाया। लेकिन बाद में उन्होंने वसुंधरा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
उन्होंने कहा, “राठौड़ साहब को इस समय ऐसा बयान नहीं देना चाहिए क्योंकि उनके दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं। मैं नहीं बोलूंगा, क्योंकि वे मेरे बड़े भाई जैसे हैं, लेकिन मैंने उनसे विधानसभा में संसदीय कला सीखने की कोशिश की है। उनकी विचारधारा अलग हो सकती है, लेकिन उनमें कई अच्छाइयां भी हैं।”
‘किरोड़ी मीणा झुकेंगे नहीं, उन्होंने वसुंधरा को भी नहीं बख्शा’
डोटासरा ने बीजेपी सरकार में मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के विधानसभा सत्र से छुट्टी लेने के सवाल पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सरकार किरोड़ी मीणा के साथ गलत व्यवहार कर रही है।
उन्होंने कहा, “दौसा में उनके साथ अन्याय हुआ, एसआई भर्ती में गलत हुआ और अब विभागों में भी गलत किया जा रहा है।” डोटासरा ने आगे कहा, “अब कब बम फूटेगा, यह देखना बाकी है। किरोड़ी मीणा झुकने वाले नहीं हैं, वे टूट सकते हैं लेकिन झुकेंगे नहीं। उन्होंने वसुंधरा राजे को भी नहीं बख्शा था, तो भजनलाल क्या चीज हैं?”
बीजेपी अपने वरिष्ठ नेताओं का सम्मान नहीं करती
डोटासरा ने कहा कि बीजेपी अपने वरिष्ठ नेताओं के साथ ज्यादती कर रही है। उन्होंने कहा, “बीजेपी में वरिष्ठ नेताओं का सम्मान नहीं होता। वसुंधरा राजे, किरोड़ी मीणा और राजेंद्र राठौड़ जैसे नेताओं को सम्मान नहीं मिल रहा है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी में नेताओं के सम्मान को पर्चियों से तय किया जाता है। उन्होंने कहा, “बीजेपी के जिलाध्यक्ष भी पर्ची से चुने जा रहे हैं। बाड़मेर में मदन दिलावर खुद पर्ची खोलकर आए थे। यह बीजेपी की पर्ची सरकार है, जिसमें केवल चहेतों को महत्व दिया जाता है।”
‘शिक्षा मंत्री को शिक्षा से कोई मतलब नहीं’
राजस्थान में शिक्षा की स्थिति पर बात करते हुए डोटासरा ने कहा कि शिक्षा मंत्री को शिक्षा से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि वे आरएसएस-बीजेपी के प्रचार में लगे हैं, लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दे रहे।
उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएगी और ऊर्जा के साथ बोलेगी।
‘गांधी नहीं, गोडसे की विचारधारा मानती है बीजेपी’
डोटासरा ने बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इन्हें सत्ता में आए सवा साल हो गया, लेकिन अब तक जनता के कल्याण के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी का एजेंडा सिर्फ कांग्रेस को गाली देना, पंचायती राज और नगर निकाय को कमजोर करना और लोकतंत्र को खत्म करना है।
डोटासरा ने कहा, “ये महात्मा गांधी की विचारधारा को नहीं मानते, बल्कि नाथूराम गोडसे की विचारधारा को मानने वाले लोग हैं।”