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वायु प्रदूषण से नवजात की सुरक्षा: नई मां के लिए डॉक्टर्स की गाइड

वायु प्रदूषण से नवजात की सुरक्षा: नई मां के लिए डॉक्टर्स की गाइड

शोभना शर्मा।  बढ़ते वायु प्रदूषण का सबसे अधिक असर नवजात शिशुओं पर पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषित हवा में मौजूद हानिकारक गैसें जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड नवजात के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इससे सांस लेने में परेशानी, फेफड़ों का कमजोर होना, और यहां तक कि दम घुटने की समस्या हो सकती है।

विशेषज्ञों के अनुसार, नवजात शिशुओं के फेफड़ों को स्वस्थ रखने का सबसे कारगर तरीका नियमित स्तनपान है। आइए विस्तार से जानते हैं कि किस तरह मां का दूध और अन्य उपाय नवजात को प्रदूषण के प्रभाव से बचा सकते हैं।

स्तनपान: नवजात की सुरक्षा की पहली दीवार

एक अध्ययन के अनुसार, मां का दूध नवजात शिशुओं के फेफड़ों को मजबूत करता है। स्तनपान के दौरान मिलने वाले पोषक तत्व फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं और उन्हें संक्रमण से बचाते हैं।

चार महीने तक स्तनपान की महत्ता

विशेषज्ञ बताते हैं कि शिशु को जन्म के बाद कम से कम 4 महीने तक स्तनपान कराना बेहद आवश्यक है।

  • इससे हेल्दी गट माइक्रोबायोम का निर्माण होता है।
  • यह बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
  • प्रदूषण में मौजूद नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैसों का असर शिशु के फेफड़ों पर कम होता है।

बीमारियों से बचाव

मां के दूध में मौजूद एंटीबॉडी नवजात को ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, एलर्जी और फेफड़ों के संक्रमण जैसे रोगों से बचाती हैं।

अस्थमा और स्तनपान का संबंध

अगर मां को अस्थमा है, तो शिशु के फेफड़ों की क्षमता प्रभावित हो सकती है।

  • डॉक्टरों के अनुसार, अस्थमा से पीड़ित माओं को भी स्तनपान कराना जारी रखना चाहिए।
  • मां का दूध बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।

वायु प्रदूषण से नवजात को बचाने के अन्य तरीके

1. नवजात के कमरे में पौधे लगाएं

कमरे में एयर प्यूरीफाइंग पौधों जैसे स्नेक प्लांट, एरेका पाम, और मनी प्लांट का उपयोग करें। यह हवा को प्राकृतिक रूप से साफ करने में मदद करते हैं।

2. ट्रैफिक वाले इलाकों से बचाव

नवजात को ट्रैफिक वाले स्थानों पर न ले जाएं। ऐसे क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर अधिक होता है, जो उनके फेफड़ों पर बुरा असर डाल सकता है।

3. घर में एयर प्यूरीफायर लगाएं

  • घर के अंदर एक अच्छा एयर प्यूरीफायर लगाएं।
  • HEPA फिल्टर वाले प्यूरीफायर अधिक प्रभावी होते हैं।

4. खिड़कियां बंद रखें

प्रदूषण के समय खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें। यह दूषित हवा को अंदर आने से रोकता है।

शिशु के लिए प्रदूषण-मुक्त वातावरण कैसे बनाएं?

1. मास्क का उपयोग न करें

नवजात के लिए मास्क का उपयोग हानिकारक हो सकता है। यह उनकी सांस लेने की प्रक्रिया को बाधित कर सकता है।

2. नियमित सफाई पर जोर दें

  • घर की सतहों और हवा को नियमित रूप से साफ करें।
  • शिशु के संपर्क में आने वाले खिलौने और कपड़े साफ रखें।

3. वाहन प्रदूषण से बचाव

घरेलू वाहनों का उपयोग कम करें। यदि जरूरी हो, तो बच्चों को वाहन के अंदर उचित सुरक्षा दें।

मां और शिशु के स्वास्थ्य का ख्याल

मां का स्वास्थ्य है प्राथमिकता

डॉक्टरों का मानना है कि शिशु का स्वास्थ्य मां के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। इसलिए मां को भी अपना ध्यान रखना चाहिए।

  • पौष्टिक भोजन करें।
  • तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान अपनाएं।
  • प्रदूषण से बचाव के लिए मास्क पहनें।

समय-समय पर जांच कराएं

मां और शिशु की नियमित स्वास्थ्य जांच कराना आवश्यक है। इससे किसी भी समस्या का समय रहते पता लगाया जा सकता है।

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