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डीएलएड परीक्षा में महज 2 मिनट की देरी पर भी नहीं मिला परीक्षा में प्रवेश

डीएलएड परीक्षा में महज 2 मिनट की देरी पर भी नहीं मिला परीक्षा में प्रवेश

शोभना शर्मा।  राजस्थान में आयोजित डीएलएड परीक्षा 2025 में इस बार परीक्षा केंद्रों पर अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं जैसी सख्ती देखने को मिली। परीक्षा का निर्धारित समय सुबह 8:30 बजे था और इसके बाद किसी भी परीक्षार्थी को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। इस सख्ती का खामियाजा कई अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ा, जो महज 2 से 8 मिनट की देरी से केंद्र पर पहुंचे थे। उन्हें परीक्षा देने से रोक दिया गया, भले ही उन्होंने दूर-दराज से यात्रा कर परीक्षा केंद्र तक पहुंचने की कोशिश की हो।

2 मिनट की देरी बनी परीक्षा से वंचित होने की वजह

दौसा के रामकरण जोशी स्कूल परीक्षा केंद्र पर सुबह 8:30 बजे परीक्षा की शुरुआत हो गई। लेकिन इससे कुछ ही मिनट पहले परीक्षा केंद्र के बाहर एक नाराज और हताश भीड़ देखी गई। इनमें वे परीक्षार्थी शामिल थे जो निर्धारित समय से कुछ मिनट लेट पहुंचे थे। इन अभ्यर्थियों ने परीक्षा केंद्र स्टाफ से बार-बार विनती की, हाथ जोड़कर अपनी मजबूरी बताई, लेकिन केंद्र अधीक्षक और सुरक्षा कर्मियों ने स्पष्ट रूप से प्रवेश से इनकार कर दिया। केंद्र अधीक्षक का कहना था कि प्रवेश पत्र पर समय स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है और कोई भी अपवाद स्वीकार्य नहीं है।

दूर-दूर से आई महिला अभ्यर्थी भी लौटीं बैरंग

टोडा ठेकला से आई महिला अभ्यर्थी ने बताया कि उसने समय से निकलने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन रास्ते में ट्रैफिक और वाहन की देरी के कारण वह समय पर परीक्षा केंद्र नहीं पहुंच पाई। इसी तरह नांगल राजावतान की सपना मीणा भी जब परीक्षा केंद्र पहुंचीं, तब तक गेट बंद हो चुका था। सपना ने कहा कि उन्हें छोड़ने वाला कोई नहीं था, इसलिए वह अपने पिता के साथ आईं, जिससे उन्हें देर हो गई।

आधार कार्ड प्रिंट कराते हुए हुई देरी

धनावड़ के सूरज नामक अभ्यर्थी ने बताया कि उसका आधार कार्ड प्रिंट निकलवाने में समय लग गया, जिससे वह 5 मिनट देरी से परीक्षा केंद्र पर पहुंचा। लेकिन गेट बंद हो चुका था और अधिकारियों ने उसे अंदर जाने से रोक दिया। सूरज का कहना है कि वह पूरी उम्मीद लेकर परीक्षा देने आया था, लेकिन अब उसका पूरा साल बर्बाद हो गया

पूजा कंवर बोलीं – साथ में कोई नहीं था, अकेले आई थी

एक अन्य अभ्यर्थी पूजा कंवर ने बताया कि वह अकेले परीक्षा केंद्र पर आई थीं, इसलिए आने में थोड़ा विलंब हो गया। उन्होंने भी अधिकारियों से विनती की, लेकिन उन्हें नियमों का हवाला देकर प्रवेश से वंचित कर दिया गया।

परीक्षा अधिकारियों ने दी सफाई

परीक्षा केंद्र के अधीक्षक का कहना था कि सभी परीक्षार्थियों को एडमिट कार्ड में समय और नियम स्पष्ट रूप से लिखे गए थे। परीक्षा में निष्पक्षता बनाए रखने और सुरक्षा कारणों से तय समय के बाद किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया जा सकता। उन्होंने कहा, “हम मानवता के नाते समझ सकते हैं कि अभ्यर्थियों की परेशानियाँ वास्तविक हैं, लेकिन अगर हम नियम तोड़ेंगे तो पूरी परीक्षा प्रणाली पर सवाल उठेंगे।”

सख्ती के पीछे क्या है कारण?

राजस्थान में हाल के वर्षों में परीक्षा पेपर लीक और अनुचित साधनों के उपयोग को लेकर विवाद बढ़े हैं। सरकार और प्रशासन अब किसी भी परीक्षा को लेकर कठोर नियमों और अनुशासनात्मक मापदंडों को लागू कर रही है। इसका उद्देश्य परीक्षा को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना है, लेकिन इसके चलते उन परीक्षार्थियों को भी नुकसान हो रहा है जो किसी मजबूरीवश कुछ मिनट लेट हो जाते हैं।

अभ्यर्थियों की मांग – हो मानवीय दृष्टिकोण

वंचित अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रशासन को कम से कम 5 मिनट की छूट देनी चाहिए थी, विशेषकर महिला और दूर-दराज से आने वाले अभ्यर्थियों के लिए। कुछ अभ्यर्थियों ने सुझाव दिया कि अगर टोकन टाइमिंग या बैच वाइज प्रवेश जैसी प्रणाली अपनाई जाती, तो इतनी सख्ती की आवश्यकता नहीं होती।

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